
नई दिल्ली. अमेरिकी मीडिया (American Media) रिपोर्ट्स (Reports) के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति (President) डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ईरानी परमाणु (nuclear) सुविधाओं पर इजरायल के चल रहे हमलों में शामिल होने पर विचार कर रहे हैं, यह घटनाक्रम ऐसे वक्त में हुआ है, जब ट्रंप ने मंगलवार को व्हाइट हाउस सिचुएशन रूम में अपनी नेशनल सिक्योरिटी टीम के साथ एक घंटे और 20 मिनट की मीटिंग की, जहां उन्होंने इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते संघर्ष से संबंधित विकल्पों की समीक्षा की.
Axios के मुताबिक, दो इज़रायली अधिकारियों ने कहा कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और इज़रायली रक्षा प्रतिष्ठान का मानना है कि ट्रंप आने वाले दिनों में ईरान की भूमिगत संवर्धन सुविधा पर बमबारी करने के लिए युद्ध में प्रवेश कर सकते हैं.
राष्ट्रपति ट्रंप के जी7 शिखर सम्मेलन से अचानक चले जाने और सोशल मीडिया पर कई तरह की चेतावनियों के कारण अमेरिका की बढ़ती भागीदारी की अटकलों को बल मिला है. ईरान के ‘बिना शर्त आत्मसमर्पण’ की उनकी हालिया मांग ने संभावित अमेरिकी कार्रवाई के बारे में चर्चाओं को और तेज कर दिया है.
ईरान कर रहा जवाही हमले की तैयारी
NY Times ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, अगर अमेरिका ईरान के खिलाफ इजरायल के युद्ध में शामिल होता है, तो ईरान ने मध्य पूर्व में अमेरिकी ठिकानों पर हमलों के लिए मिसाइलें और अन्य सैन्य उपकरण तैयार किए हैं.
अमेरिका ने यूरोप में करीब तीन दर्जन ईंधन भरने वाले विमान भेजे हैं, जिनका उपयोग अमेरिकी ठिकानों की रक्षा करने वाले लड़ाकू विमानों की सहायता के लिए किया जा सकता है.
अमेरिकी अधिकारियों के बीच युद्ध की आशंकाएं बढ़ रही हैं क्योंकि इज़रायल व्हाइट हाउस पर ईरान के साथ अपने संघर्ष में हस्तक्षेप करने का दबाव बना रहा है. अधिकारियों ने कहा कि अगर अमेरिका इज़रायली अभियान में शामिल होता है और फ़ोर्डो (प्रमुख ईरानी परमाणु सुविधा) पर हमला करता है, तो ईरान समर्थित हाउती मिलिशिया निश्चित रूप से लाल सागर में जहाजों पर हमला करना फिर से शुरू कर देगा. उन्होंने कहा कि इराक और सीरिया में ईरान समर्थक मिलिशिया संभवतः वहां अमेरिकी ठिकानों पर हमला करने की कोशिश करेंगे.
ट्रंप ने खामेनेई को बताया आसान टारगेट
सोशल मीडिया पोस्ट में ट्रंप ने ऐलान किया है कि ईरान के एयरस्पेस पर अमेरिका का पूरा नियंत्रण है. उन्होंने कहा कि ईरान की रक्षा प्रणाली अमेरिकी निर्मित सैन्य तकनीक के सामने कुछ भी नहीं हैं.
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