
वाशिंगटन। संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of America) ईरान की आर्थिक कमर (Iran’s economic waist) को तोड़ने के लिए उसके व्यापारिक रास्तों को बंद करता जा रहा है। पहले से ही ईरान के ऊपर प्रतिबंध लगा चुके अमेरिका ने अब उसके साथ व्यापार करने वाली पेट्रो कंपनियों पर लगे प्रतिबंधों को और भी ज्यादा तीखे कर चुका है। वाशिंगटन से जारी एक आदेश के मुताबिक ट्रंप प्रशासन ने 50 से ज्यादा व्यक्तियों, संस्थाओं और जहाजों के ऊपर प्रतिबंध लगा दिए हैं। कथित तौर पर इन सभी ने ईरान को एलपीजी और कच्चे तेल (LPG and crude oil) बेचने में मदद की थी। यह कंपनियों भारत, चीन, पनामा समेत कई देशों से संबंधित हैं।
अमेरिकी वित्त विभाग के विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय ने इन प्रतिबंधों के संबंध में एक बयान जारी किया। इसके मुताबिक, प्रतिबंधित किए गए इन लोगों और संस्थाओं ने पिछले कुछ समय में अरबों डॉलर के मूल्य के पेट्रोलियम और पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात को संभव बनाया है। बाद में इस पैसे का उपयोग अमेरिका के खिलाफ काम करने वाले आतंकवादी समूहों को मिला।
अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट (American Finance Minister Scott Bessant) ने ट्रंप प्रशासन के इस फैसले के बारे में कहा, “वित्त विभाग ईरान की ऊर्जा निर्यात प्रणाली के प्रमुख तत्वों को बर्बाद करके तेहरान के राजस्व को कम करने की कोशिश कर रहा है। क्योंकि अगर हम ऐसा नहीं करते तो फिर यह संयुक्त राज्य अमेरिका के खिलाफ खड़े आतंकी समूहों के वित्तपोषण का जरिया बनेगा।”
यह प्रतिबंध ईरान के ऊर्जा निर्यात में मदद करने वाले करीब दो दर्जन जहाजों के बेड़े के नेटवर्क और इसके साथ-साथ एक चीन स्थित कच्चे तेल टर्मिनल और एक स्वतंत्र टीपॉट रिफाइनरी पर लगाए गए हैं। इनके बारे में अमेरिकी वित्त मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि जिन पर प्रतिबंध लगाया गया है वह ईरान की पेट्रोलियम निर्यात क्षमता का एक बड़ा हिस्सा हैं। इससे ईरान को काफी राजस्व की प्राप्ति होती है।
भारत की किन कंपनियों पर सधा निशाना
अमेरिका द्वारा लगाए गए इस प्रतिबंध में कई भारतीय कंपनियों को भी निशाना बनाया गया है। अमेरिकी वित्त विभाग ने कहा ईरानी तेल के निर्यातक अपनी खेपों को छिपाने के लिए तरह-तरह के हथकंड़े अपनाता है। यह विदेशी कंपनियों का उपयोग करके अपने कच्चे तेल को विदेशों में भेजते हैं। विभाग ने कहा, “ईरानी निर्यातक अक्सर अपने माल की उत्पत्ति को छिपाने के लिए इसे फारस की खाड़ी और सिंगापुर या मलेशिया के तटवर्ती क्षेत्र में या फिर कभी-कभी टगबोटों की सहायता से समंदर में ही जहाजों के बीच माल का स्थानांतरण करते हैं।
गौरतलब है कि अमेरिका ने ईरान के पेट्रोलियम व्यापार में शामिल होने के लिए 6 भारतीय कंपनियों के ऊपर प्रतिबंध लगाया है। अमेरिकी वित्त विभाग के मुताबिक इनके नाम, वरुण पुला की बर्था शिपिंग इंक, इय्यपन राजा के मालिकाना हक वाली एवी लाइन्स इंक, सोनिया श्रेष्ठ की भारत स्थित वेगा स्टार शिप मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। विभाग के मुताबिक मार्शल द्वीप से रजिस्टर्ड बर्था शिपिंग इंक कोमोरोस ध्वज वाले पीएएमआईआ का मालिक है। इसने जुलाई 2024 से चीन को लगभग चार मिलियन बैरल ईरानी एलपीजी का सप्लाई किया है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved