तेहरान। अमेरिका ने ईरान को कड़ी चेतावनी (America’s warning to Iran) जारी करते हुए कहा है कि अगर वह यमन के हूती विद्रोहियों (Houthi Rebels) को समर्थन देना जारी रखता है, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। यह चेतावनी अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ (Pete Hegseth) ने दी। उन्होंने ईरान पर हूती विद्रोहियों को घातक हथियार और समर्थन प्रदान करने का आरोप लगाया। हूती विद्रोही उत्तरी यमन पर नियंत्रण रखते हैं और लाल सागर में जहाजों पर हमले कर रहे हैं।
अमेरिकी रुख और सैन्य कार्रवाई
यूएस रक्षा मंत्री हेगसेथ ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर लिखा, “ईरान को संदेश: हम आपका हूतियों को घातक समर्थन देख रहे हैं। हम अच्छी तरह से जानते हैं कि आप क्या कर रहे हैं। आप अच्छी तरह जानते हैं कि अमेरिकी सेना क्या करने में सक्षम है- आपको चेतावनी दी गई थी। आपको अंजाम भुगतना पड़ेगा और इसके लिए समय और स्थान भी हम चुनेंगे।”
यह बयान तब आया है जब अमेरिका ने मार्च 2025 से हूती ठिकानों पर बड़े पैमाने पर हवाई हमले शुरू किए, जो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में मध्य पूर्व में सबसे बड़ी सैन्य कार्रवाई है।
इन हमलों में हूती-नियंत्रित क्षेत्रों में रडार, हवाई रक्षा प्रणालियां, ड्रोन लॉन्च पॉइंट्स और मिसाइल डिपो को निशाना बनाया गया। अमेरिकी सेंट्रल कमांड (CENTCOM) के अनुसार, 15 मार्च से शुरू हुए इन अभियानों का उद्देश्य “जहाजों की स्वतंत्रता को बहाल करना और अमेरिकी शक्ति को पुनः स्थापित करना” है। हूती स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा है कि इन हमलों में कम से कम 53 लोग मारे गए और 101 घायल हुए, जिनमें पांच बच्चे और दो महिलाएं शामिल हैं।
ईरान का जवाब
ईरान ने इन आरोपों को “निराधार” करार देते हुए खारिज किया है। ईरान के शीर्ष रेवुलेशनरी गार्ड कमांडर जनरल होसैन सलामी ने कहा, “हूती स्वतंत्र रूप से अपने रणनीतिक और परिचालन निर्णय लेते हैं। हम किसी भी खतरे का निर्णायक और विनाशकारी जवाब देंगे।” ईरान के विदेश मंत्रालय ने भी यमन पर अमेरिकी हमलों को “संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों का घोर उल्लंघन” बताया।
ईरान के संयुक्त राष्ट्र में स्थायी प्रतिनिधि अमीर सईद इरावानी ने एक पत्र में कहा, “अमेरिका के वरिष्ठ अधिकारियों, जिसमें राष्ट्रपति भी शामिल हैं, के हालिया युद्धोन्मादी बयान गैरकानूनी हैं और यमन के खिलाफ अमेरिकी आक्रमण को सही ठहराने की कोशिश करते हैं। किसी भी आक्रामक कार्रवाई के गंभीर परिणाम होंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी अमेरिका की होगी।”
हूतियों की प्रतिक्रिया
हूती विद्रोहियों ने अमेरिकी हमलों को “युद्ध अपराध” करार दिया और जवाबी कार्रवाई की धमकी दी। हूती नेता अब्दुल-मलिक अल-हूती ने कहा, “जब तक अमेरिका यमन पर हमले जारी रखेगा, हम लाल सागर में अमेरिकी जहाजों को निशाना बनाना जारी रखेंगे। अगर वे अपनी आक्रामकता बढ़ाते हैं, तो हम भी अपनी कार्रवाई को और तेज करेंगे।” हूतियों ने दावा किया कि उन्होंने अमेरिकी विमानवाहक पोत यूएसएस हैरी एस. ट्रूमैन पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया, हालांकि पेंटागन ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि कोई भी हूती हमला सफल नहीं हुआ।
हूती विद्रोही को आधिकारिक तौर पर अंसार अल्लाह के नाम से जाना जाता है। वे 2014 से यमन की राजधानी सना सहित देश के एक तिहाई हिस्से और दो-तिहाई आबादी पर नियंत्रण रखते हैं। ईरान से हथियार, प्रशिक्षण और खुफिया जानकारी प्राप्त करने वाले हूतियों ने 2023 में इजरायल-हमास युद्ध के बाद लाल सागर में जहाजों पर हमले तेज कर दिए, जिसे उन्होंने गाजा के फिलिस्तीनियों के समर्थन में बताया। इन हमलों ने वैश्विक शिपिंग को बाधित किया, जिसके कारण कई कंपनियों को दक्षिणी अफ्रीका के लंबे और महंगे मार्गों का सहारा लेना पड़ा।
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