
नई दिल्ली। भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर शुक्रवार शाम दिल्ली पहुंचे अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड जे ऑस्टिन (American Defense Minister Loyd j. Austin) ने देर रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Modi) से मुलाकात की। ऑस्टिन ने प्रधानमंत्री को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की ओर से अभिवादन किया। दोनों नेताओं नेे रक्षा सहयोग को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्धता जताई।
भारत में अमेरिकी दूतावास के अनुसार अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड जेम्स ऑस्टिन ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में भारत की नेतृत्व की भूमिका की सराहना की और साझा लक्ष्यों को बढ़ावा देने के लिए समान विचारधारा वाले भागीदारों के साथ जुड़ाव बढ़ाया। दोनों पक्षों ने मुक्त और खुले क्षेत्रीय आदेश को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। दोनों नेताओं ने इस क्षेत्र के सामने आने वाली साझा चुनौतियों पर अपने दृष्टिकोण का आदान-प्रदान किया। साथ ही अपने व्यापक और रक्षा सहयोग को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्धता जताई।
प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी रक्षामंत्री से मुलाकात के बाद कहा कि भारत और अमेरिका वैश्विक भलाई के लिए ताकत के रूप में रणनीतिक साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने अमेरिकी रक्षामंत्री से मुलाकात होने पर खुशीी जताते हुए आज जो बाइडेन के लिए शुभकामनाएं भी दीं। बैठक के बारे में पीएमओ से एक बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी के लिए अपनी दृष्टि को रेखांकित करते हुए भारत-अमेरिका संबंधों में द्विपक्षीय रक्षा सहयोग की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।
अमेरिकी रक्षामंत्री शनिवार को सुबह 9 बजे राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जाकर माल्यार्पण करेंगे और वहीं गार्ड ऑफ ऑनर दिया जायेगा। इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और ऑस्टिन सुबह 10.30 बजे आमने-सामने की मुलाक़ात करेंगे और इसके बाद द्विपक्षीय प्रतिनिधिमंडल के साथ वार्ता होगी। भारतीय प्रतिनिधिमंडल में रक्षा सचिव अजय कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह, सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे और एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया भी शामिल होंगे। इसके बाद संयुक्त प्रेस वक्तव्य जारी किया जायेगा।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग मुद्दे पर बैठक होगी। इस दौरे में किसी सौदे पर हस्ताक्षर होने की संभावना नहीं है लेकिन कुछ परियोजनाओं पर चर्चा हो सकती है। लॉयड ऑस्टिन की इस पहली भारत यात्रा का मकसद एक दूसरे को जानना और समझना है कि चीन की जारी आक्रामकता के बीच दोनों देशों में रक्षा और रणनीतिक सहयोग को कैसे आगे बढ़ाया जा सकता है। (एजेंसी, हि.स.)
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