वाशिंगटन । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald trump) ने रूस से तेल खरीदने के कारण भारत (India) पर भारी टैरिफ (Tariff) लगाए। इस फैसले की कड़ी निंदा हो रही है। कई अमेरिकी विशेषज्ञ इसे बड़ी भूल मान रहे हैं। सामरिक मामलों के विशेषज्ञ एश्ले जे टेलिस का कहना है कि ट्रंप को लगता है कि उन्हें ठगा गया, क्योंकि मई 2025 में भारत-पाकिस्तान विवाद सुलझाने का श्रेय उन्हें नहीं मिला। टेलिस ने कहा कि रूस से तेल खरीद को लेकर भारत और अमेरिका के बीच नीतिगत मतभेद हो सकते हैं, लेकिन इसमें गहरी नाराजगी भी शामिल हो सकती है। उन्होंने कहा कि ट्रंप को लगता है कि भारत-पाकिस्तान विवाद सुलझाने का श्रेय उन्हें मिलना चाहिए था। टेलिस ने आगे कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी का स्थिति सुधारने का प्रयास उल्टा पड़ गया और यह तनाव बढ़ाने वाला साबित हुआ।
जुलाई में भारत पर 25% टैरिफ लगाया गया था। इसके बाद 27 अगस्त से भारतीय तेल आयात पर 25% सेकेंडरी टैरिफ और भारतीय सामानों पर 50% टैरिफ लागू किया गया। इससे दोनों देशों की व्यापार वार्ता पर बुरा असर पड़ा। हाल के हफ्तों में रूस से तेल खरीदने के लिए भारत पर टैरिफ और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत द्वारा अमेरिका की शांति स्थापना की भूमिका को नकारने से तनाव बढ़ा।
ट्रंप ने चीन की भूमिका को नजरअंदाज किया
टेलिस ने कहा कि भारत के इस विश्वास के कारण कि ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान शांति प्रक्रिया में कोई भूमिका नहीं निभाई, ट्रंप ने भारत पर टैरिफ लगाए। उन्होंने बताया कि 2024 में चीन ने 62.6 अरब डॉलर का रूसी तेल आयात किया, जबकि भारत ने 52.7 अरब डॉलर का। फिर भी, ट्रंप ने चीन को नजरअंदाज कर भारत पर निशाना साधा।
पीटर नवारो पर निशाना
टेलिस ने ट्रंप के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि नवारो ने भारत-अमेरिका संबंधों को और नुकसान पहुंचाया। टेलिस ने कहा कि नवारो की नीतियों ने भारत को ऐसी स्थिति में ला दिया, जहां उसे अमेरिका के कुछ दुश्मनों के साथ रहना पड़ रहा है। ट्रंप के टैरिफ के बाद अमेरिकी अधिकारियों ने भारत के रूस से तेल खरीदने पर तीखी प्रतिक्रिया दी और इसे पुतिन के यूक्रेन युद्ध को वित्तीय मदद देने जैसा बताया, जिसे ट्रंप खत्म करने में नाकाम रहे।
10 मई 2025 को युद्धविराम समझौता
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे। इसके बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर हमले किए। इससे गतिरोध पैदा हुआ और दोनों देश युद्ध के कगार पर पहुंच गए। 10 मई 2025 को भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम हुआ, जिसने चार दिन की शत्रुता खत्म की। हालांकि, ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर दावा किया कि वाशिंगटन ने शांति स्थापित की। पाकिस्तान ने ट्रंप को धन्यवाद दिया और नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया, लेकिन भारत ने किसी बाहरी भूमिका से इनकार किया। भारत ने कहा कि ट्रंप, जेडी वेंस और मार्को रुबियो ने फोन किया था, लेकिन युद्धविराम तब हुआ जब पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारतीय समकक्ष से बात की।
भारत के साथ ट्रंप की बढ़ती अनबन
भारत द्वारा अमेरिका की भूमिका से इनकार के बावजूद ट्रंप अपने दावे पर अड़े हैं। उन्होंने कहा कि मैंने 6 युद्ध समाप्त किए, लेकिन भारत-पाकिस्तान युद्धविराम सबसे मुश्किल था। वहीं, भारत ने साफ किया कि वह अपनी विदेश नीति में हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करता। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इसे ‘लक्ष्मण रेखा’ बताते हुए कहा कि मध्यस्थता का दावा और वास्तविक नतीजा अलग है।
ट्रंप की भारत यात्रा रद्द
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ और रूसी तेल खरीद को निशाना बनाया, क्योंकि मोदी ने उन्हें युद्धविराम का श्रेय देने से इनकार किया। इससे ट्रंप के नोबेल शांति पुरस्कार की राह में बाधा आई। नाराज होकर ट्रंप ने भारत पर टैरिफ लगाए और क्वाड शिखर सम्मेलन 2025 के लिए भारत यात्रा रद्द कर दी। इस बीच, पीएम मोदी की एससीओ शिखर सम्मेलन के लिए चीन यात्रा ने ट्रंप प्रशासन को नाराज किया, जबकि डेमोक्रेट्स ने चिंता जताई कि ट्रंप की कार्रवाइयां भारत को अमेरिका से दूर कर सकती हैं।
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