
डेस्क: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की टैरिफ (Tariff) धमकियों के बीच भारत (India) और अमेरिका (America) के बीच रक्षा सहयोग (Defence Cooperation) एक नया आयाम हासिल करने वाला है. दोनों देशों के बीच भारतीय नौसेना के लिए 6 अतिरिक्त P-8I मैरीटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट (Maritime Patrol Aircraft) की डील लगभग तय हो चुकी है. यह डील करीब 4 अरब डॉलर की है. इसके लिए 16 से 19 सितंबर के बीच अमेरिका का एक प्रतिनिधि मंडल दिल्ली पहुंचेगा. मैरीटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट की डील लगभग तय हो चुकी है. यह डील करीब 4 अरब डॉलर की है. इसके लिए 16 से 19 सितंबर के बीच अमेरिका का एक प्रतिनिधि मंडल दिल्ली पहुंचेगा.
इस प्रतिनिधि मंडल में यूएस डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस और बोइंग के अधिकारी शामिल होंगे. इसके अतिरिक्त, ऑफिस ऑफ अंडर सेक्रेटरी ऑफ डिफेंस फॉर पॉलिसी, नेवी इंटरनेशनल प्रोग्राम्स ऑफिस (NIPO), मैरीटाइम पेट्रोल एंड रिकग्निशन एयरक्राफ्ट प्रोग्राम ऑफिस (PMA 290) और डिफेंस सिक्योरिटी कोऑपरेशन एजेंसी (DSCA) के अधिकारी भी इसमें भाग लेंगे. NIPO वैश्विक मैरीटाइम साझेदारियों को संभालता है जबकि PMA 290 एयरक्राफ्ट अधिग्रहण और सपोर्ट में सहायक है.
भारतीय नौसेना के पास फिलहाल 12 P-8I एयरक्राफ्ट हैं. इंडियन ओशियन रीजन में चीन के बढ़ते सैन्य प्रभाव के मद्देनजर नौसेना को अपनी निगरानी और एंटी-सबमरीन क्षमता को मजबूत करने हेतु 6 और एयरक्राफ्ट चाहिए. इसके अलावा, नौसेना MQ-9B ड्रोन भी उपयोग में ला रही है, जिससे 2029 तक कुल 31 ड्रोन मिलेंगे.
P-8I एयरक्राफ्ट लंबी दूरी की निगरानी और पनडुब्बी का पता लगाने में सक्षम हैं. यह 41,000 फीट की ऊंचाई से उड़ान भर सकता है और 8,300 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकता है. इसमें एंटी-शिप मिसाइल, क्रूज मिसाइल, हल्के टॉरपीडो और एंटी-सबमरीन वॉरफेयर चार्ज भी ले जा सकते हैं. MQ-9B ड्रोन इंडियन ओशियन रीजन की रियल-टाइम निगरानी में सहायक बनेगा.
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