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ओडिशा विधानसभा में हंगामे के बीच भाजपा-कांग्रेस विधायकों के बीच हुई हाथापाई

March 12, 2025

भुवनेश्वर। ओडिशा विधानसभा (Odisha Assembly) में मंगलवार को उस समय जमकर हंगामा हुआ जब सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) (Bharatiya Janata Party(BJP) और कांग्रेस के सदस्यों (Members of Congress) के बीच हाथापाई हो गई। हंगामे के दौरान विपक्ष के एक वरिष्ठ विधायक ने अध्यक्ष के आसन पर चढ़ने का प्रयास किया और भाजपा के एक विधायक पर उनका कॉलर पकड़कर धक्का देने का आरोप लगाया। प्रश्नकाल के दौरान सदन में उस समय तनाव की स्थिति पैदा हो गई, जब भाजपा के वरिष्ठ विधायक जयनारायण मिश्रा, कांग्रेस विधायक ताराप्रसाद बहिनीपति की ओर बढ़े।


शहरी विकास मंत्री केसी महापात्रा सदन में एक प्रश्न का उत्तर दे रहे थे और बहिनीपति इस दौरान मंत्री के सामने खड़े हुए थे। महापात्रा विपक्षी बीजू जनता दल (बीजद) और कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के बीच जवाब दे रहे थे। इससे पहले, बहिनपति ने कार्यवाही रोकने के लिए अध्यक्ष के आसन पर चढ़ने का प्रयास किया लेकिन वे असफल रहे। अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी ने शोरगुल के बीच प्रश्नकाल जारी रहने दिया।

इसके बाद बहिनपति मंत्री के पास पहुंच गए और उनसे आगे जवाब न देने को कहा क्योंकि विपक्षी सदस्य आसन के समीप विरोध कर रहे थे। बहिनीपति ने सदन के बाहर संवाददाताओं से कहा, “मिश्रा ने मेरी कमीज का कॉलर पकड़ा और मुझे धक्का दिया। मैं मंत्री महापात्रा से अनुरोध कर रहा था कि वे सदन में व्यवस्था न होने तक जवाब देना बंद कर दें। मैंने उनसे हाथ जोड़कर अनुरोध किया लेकिन मिश्रा अचानक मेरे पास आए और मेरा कॉलर पकड़ लिया।”

कांग्रेस विधायकों ने की नारेबाजी
जल्द ही सत्ता पक्ष के अन्य सदस्य सदन आसन के समीप आ गए, जिसके बाद वहां मौजूद कांग्रेस सदस्यों के साथ उनकी हाथापाई हुई। कांग्रेस सदस्यों ने इस दौरान सरकार विरोधी नारे लगाए। विधानसभा अध्यक्ष पाढ़ी ने हंगामा बढ़ने पर पहले दोपहर तक कार्यवाही स्थगित की और बाद में सदन को तीन और बार स्थगित करना पड़ा। अध्यक्ष पाढ़ी ने सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी विधायकों के बीच हाथापाई के कुछ घंटों बाद कांग्रेस विधायक बहिनपति को सात दिनों के लिए सदन से निलंबित कर दिया।

बहिनीपति को ‘कदाचार एवं अनुचित व्यवहार’ के लिए निलंबित कर दिया गया है। इस संबंध में सरकार के मुख्य सचेतक द्वारा एक नोटिस पेश किया गया था, जिसे सदन ने स्वीकार कर लिया। जहां भाजपा और कांग्रेस के सदस्य एक-दूसरे को धक्का देते नजर आए, वहीं आसन के पास मौजूद बीजद सदस्य बचते हुए दिखाई दिये। विपक्षी बीजद और कांग्रेस विधायकों ने अलग-अलग मुद्दे उठाए थे।

मुख्यमंत्री से बयान देने की मांग
बीजद विधायकों ने मिश्रा की उस टिप्पणी पर मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी से बयान देने की मांग की जिसमें मिश्रा ने 1936 में तत्कालीन कोसल के ओडिशा में विलय को ‘‘ऐतिहासिक गलती’’ बताया था, जबकि कांग्रेस विधायक राज्य में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को लेकर विरोध कर रहे थे। यह लगातार दूसरा दिन था जब विधानसभा में हंगामा देखने को मिला।

विपक्ष के विरोध के बीच, अध्यक्ष पाढ़ी ने लगभग 30 मिनट तक प्रश्नकाल चलने दिया। मुख्यमंत्री के लगातार दो दिनों से सदन में उपस्थित न होने को लेकर बीजद विधायकों ने विधानसभा परिसर में लालटेन लेकर सांकेतिक रूप से विरोध दर्ज कराया। बीजद विधायकों ने मुख्यमंत्री के कक्ष के बाहर धरना भी दिया।

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