
नई दिल्ली। होम मिनिस्टर अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने संविधान के 130वें संशोधन वाले विधेयक (Constitutional 130th Amendment Bill) के विरोध विपक्ष पर निशाना साधा है। इस विधेयक में प्रस्ताव है कि यदि पीएम, सीएम अथवा किसी मंत्री को किसी गंभीर आरोप में 30 दिन से ज्यादा जेल में रहना पड़ा तो 31वें दिन उनका पद से स्वत: ही इस्तीफा मान लिया जाएगा। होम मिनिस्टर अमित शाह ने एक इंटरव्यू में इस पर विस्तार से बात की। उन्होंने कहा कि कोई सरकार विधेयक लाए तो उसे सदन में रखने भर से क्या दिक्कत है। हमने तो पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि इस बिल को हम संयुक्त संसदीय समिति को सौंपेंगे। वहां आप मत दे सकते हैं।
अमित शाह ने कहा कि इसके अलावा वोटिंग के दौरान भी आप अपना मत देंगे ही और वहां विचार भी रख सकते हैं। किसी विधेयक को पेश ही न होने देना और ऐसा बर्ताव करना क्या उचित है। संसद के दोनों सदन बहस के लिए हैं या फिर शोरगुल का अड्डा हैं। विपक्ष को देश की जनता के आगे जवाब देना होगा। राहुल गांधी पर सवाल उठाते हुए अमित शाह ने कहा, ‘लालू यादव को बचाने के लिए मनमोहन सिंह के दौरान में एक अध्यादेश आया था। उसे राहुल गांधी ने फाड़ दिया था। आखिर उसका आधार क्या था? यदि उस दिन वह नैतिकता थी तो आज क्या दिक्कत है? लगातार तीन चुनाव हारना इस विरोध की वजह है?’
यह पूछे जाने पर कि क्या इससे विपक्षी दलों के नेताओं का उत्पीड़न पर होगा। इस पर अमित शाह ने कहा कि ऐसे आरोप ही गलत हैं। किसी भी मसले पर हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट को बेल देने का अधिकार है। उन पर भरोसा रखना चाहिए। यदि 30 दिन के बाद जमानत मिल जाती है तो सीएम, पीएम या मंत्री फिर से शपथ ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि देश में सबसे ज्यादा मुख्यमंत्री तो एनडीए के ही हैं। इस लिहाज से यह विधेयक तो हमारे लिए ही परेशानी वाला हुआ। उन्होंने कहा कि यदि कोई नेता 30 दिन जेल में रहने पर पद से हटता है और फिर छूट आता है तो भी बहुमत होने पर उसकी सरकार को तो खतरा होगा नहीं। वापस लौटने पर वह फिर से शपथ ले सकता है।
‘क्या जेल में बनेगा पीएम हाउस और सीएम ऑफिस’
अमित शाह ने कहा कि छुटपुट आरोपों पर ऐसा नहीं होगा, लेकिन जिन मामलों में 5 साल से ज्यादा की सजा का प्रावधान है, उनमें ऐसा जरूरी है। उन्होंने कहा कि जेल से तो सरकारें नहीं चलनी चाहिए। ऐसा कैसे हो सकता है कि जेल में ही पीएम हाउस और सीएम हाउस बन जाए। वहीं से ही कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, मुख्य ,सचिव और डीजीपी आदेश लें। ऐसा होना तो गलत है। सत्येंद्र जैन वाले केस में अमित शाह ने कहा कि उन्हें जिन 4 मुख्य केसों में जेल में भेजा गया था, उनमें वह बरी नहीं हुए हैं। अब भी इन पर ट्रायल चल रहा है।
अरविंद केजरीवाल पर सीधा हमला- पहली बार हुई ऐसी निर्लज्जता
अरविंद केजरीवाल के जेल जाने पर अमित शाह ने कहा कि क्या किसी को जेल से सरकार चलानी चाहिए। आजादी के बाद से बहुत से नेता जेल गए। उन्होंने इस्तीफा दिया। यह नया ट्रेंड शुरू हुआ है कि जेल जाने पर भी इस्तीफा नहीं दिया गया। दिल्ली और तमिलनाडु के कई मंत्रियों ने ऐसा किया। यदि जेल से सरकार चलेगी तो क्या इससे दुनिया में भारत के लोकतंत्र को सम्मान मिलेगा। अमित शाह ने कहा कि लालू यादव को सजा हो गई थी तो मनमोहन सरकार एक बिल लाई ताकि उनकी सदस्यता ना जाए। इसे राहुल गांधी ने फाड़ दिया था। तब नैतिकता की बात कही और अब क्या परेशानी है।
पीएम ने खुद कहा, मुझे भी इस बिल में शामिल करिए
उन्होंने कहा कि पीएम ने इस बिल में खुद को भी शामिल किया है। पहले ऐसा कोई प्रावधान नहीं था। अमित शाह ने कहा कि जब इस बिल को तैयार किया जा रहा था तो प्रधानमंत्री ने कहा कि इसमें प्राइम मिनिस्टर के लिए भी प्रावधान करिए। इस बिल से अफसरों को अधिक ताकत मिलने के सवाल पर अमित शाह ने कहा कि ऐसा नहीं है। क्या इस देश में अदालतें नहीं हैं। हमारी अदालतें भी कानून की गंभीरता को समझती हैं। 30 दिन की टाइमलाइन को देखते हुए अदालतें समय रहते ही फैसला देंगी।
जेपीसी के बायकॉट पर बोले अमित शाह- काम नहीं रुकेगा
विपक्षी दलों की ओर से जेपीसी के विरोध पर अमित शाह ने कहा कि यदि ये लोग बायकॉट करते हैं तो भी जेपीसी अपना काम करेगी। हम उन्हें बोलने के लिए मौका दे सकते हैं, लेकिन वे अपनी बात ही नहीं रखना चाहते तो फिर हम क्या करें। उन्हें जनता देख रही है। उन्होंने कहा कि इसमें सिर्फ इतना ही प्रावधान है कि यदि 30 दिन से ज्यादा जेल में रहते हैं तो सलाखों के पीछे से सरकार नहीं चला सकते। यदि किसी को 40 दिन में बेल मिले यानी 10 दिन के लिए वह व्यक्ति इस्तीफा देगा और बाहर निकलकर आप शपथ ले सकते हैं।
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