
डेस्क। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को सुरक्षा बलों को निर्देश दिया कि वे आठ मार्च से मणिपुर में सभी सड़कों पर लोगों की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करें। गृह मंत्री ने मणिपुर की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि सड़कों पर अवरोध पैदा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। पूर्वोत्तर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद यह इस प्रकार की पहली बैठक है। मई 2023 से इंफाल घाटी में मेइती और आसपास की पहाड़ियों पर बसे कुकी-जो समूहों के बीच जातीय हिंसा में 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।
सूत्रों ने कहा, ‘‘गृह मंत्री ने मणिपुर में सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया। राज्य में कानून-व्यवस्था की समग्र स्थिति पर विस्तृत जानकारी दी गई।’’ बैठक में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला तथा मणिपुर सरकार, सेना और अर्धसैनिक बलों के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए। एन.बीरेन सिंह के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के कुछ दिनों बाद पूर्वोत्तर राज्य में राजनीतिक अनिश्चितता पैदा हो गई थी। इसके बाद केंद्र ने 13 फरवरी को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था। राज्यपाल भल्ला ने लूटे गए और अवैध रूप से रखे गए हथियारों को सात दिन के भीतर स्वेच्छा से पुलिस के सुपुर्द करने का 20 फरवरी को आग्रह किया था।
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