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केरल में बढ़ रहा अमीबा संक्रमण का खतरा, खा जाता इंसानों का दिमाग, 9 साल की बच्ची की हुई मौत

August 19, 2025

नई दिल्‍ली । केरल (Kerala) में इन दिनों ब्रेन ईटिंग अमीबा (brain eating amoeba) से संक्रमण (Infection) का खतरा बढ़ता जा रहा है। केरल की सरकार ने इसे लेकर चेतावनी जारी की है। दरअसल हाल ही में इस खतरनाक जीव ने केरल के कोझिकोड (Kozhikode) में कई लोगों को अपना शिकार बनाया है। इससे संक्रमित एक 9 साल की एक बच्ची की मौत भी हो गई है। जिले में स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस से सावधानी बरतने को कहा है।

जानकारी के मुताबिक बच्ची को शिकार बनाने के अलावा और भी कई मामले सामने आए हैं। दो मरीजों का कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है। वहीं स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने पुष्टि की है कि एक मरीज वेंटिलेटर पर है। स्थानीय चिकित्सा अधिकारी ने इंडिया टुडे को बताया कि लोगों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करने की सलाह दी जा रही है।


क्या है अमीबा
अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस एक तरह का संक्रमण है जो अमीबा नाम के जीव के कुछ रोगाणु द्वारा फैलता है। यह जीव इंसानों के मस्तिष्क को प्रभावित करते हैं। चूंकि यह जीव पानी में पाए जाते हैं इसीलिए यह बीमारी आमतौर पर उन लोगों को प्रभावित करती है जो पानी के पूल या इस तरह के अन्य स्रोतों में तैराकी करते हैं।

कैसे फैलाते हैं बीमारी
अमीबा नाक और दिमाग से जुड़े छिद्रों या कान के पर्दे के जरिए दिमाग में प्रवेश कर सकते हैं। जानकारों के मुताबिक संक्रमण की स्थिति में मृत्यु दर बहुत अधिक है। हालांकि फिलहाल इसके मनुष्य से मनुष्य में नहीं फैलने के संकेत नहीं मिले हैं।

क्या है लक्षण?
अमीबा से संक्रमण होने पर लक्षण आमतौर पर संपर्क के पांच से दस दिनों के अंदर दिखाई देते हैं। लोगों को तेज सिरदर्द, बुखार, उल्टी, और रोशनी देखने में परेशानी हो सकती है। स्वास्थ्य विभाग ने सलाह दी है कि तैराकी करने वाले लोगों को अगर बुखार की शिकायत हो तो उन्हें तुरंत डॉक्टर मिलना चाहिए। लोगों को ठहरे हुए पानी में तैराकी से बचने, तैरते समय नाक पर क्लिप लगाने और स्विमिंग पूल और वाटर थीम पार्क में पानी का उचित क्लोरीनीकरण करने की भी सलाह दी गई है।

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