
सांवेर: सांवेर तहसील के धरमपुरी क्षेत्र में घर के भीतर अवैध रूप से संचालित आयुर्वेदिक दवाइयों की फैक्ट्री पर प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। गुरुवार को कलेक्टर श्री शिवम् वर्मा के निर्देशन में एसडीएम सांवेर घनश्याम धनगर ने राजस्व अमले के साथ मौके पर पहुंचकर जांच की, जिसमें कई गंभीर अनियमितताएं सामने आईं। इसके बाद आयुष विभाग द्वारा दवाइयों एवं कच्चे माल के सैंपल लेकर फैक्ट्री को सील कर दिया गया।
जांच के दौरान सामने आया कि “रिबिहान्श हर्बल” नाम से संचालित यह फैक्ट्री पूरी तरह नियमविरुद्ध तरीके से एक आवासीय मकान में चल रही थी। यहां करीब 30 से ज्यादा प्रकार की आयुर्वेदिक दवाइयां बनाई जा रही थीं, जिनकी सप्लाय पंजाब और देहरादून तक की जा रही थी।
कलेक्टर शिवम वर्मा के निर्देश पर जब एसडीएम घनश्याम धनगर ने मौके पर जाकर देखा तो वे देखकर चोंक गए दवाइयों का निर्माण मजदूरों द्वारा किया जा रहा था, जबकि किसी भी प्रकार का विशेषज्ञ या वैद्य मौजूद नहीं था। फैक्ट्री संचालक सुरेंद्र सिंह निवासी सुखलिया इंदौर से जब देहरादून और पंजाब की कंपनियों के साथ दवा निर्माण संबंधी अनुबंध और वैध दस्तावेज मांगे गए तो वह कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं कर सके।
फैक्ट्री में मिली दवाइयों पर कंपनियों के पते देहरादून और पंजाब के दर्ज थे, मेन्युफेक्चरिंग धरमपुरी (सोलसिंदा) बताया जा रहा था लेकिन अन्य राज्यो की इन कंपनियों के संबंध में पूछताछ करने पर संचालक संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया।
इसके अलावा फैक्ट्री के पास टीएनसीपी नक्शा, फायर एनओसी सहित अन्य आवश्यक अनुमति और दस्तावेज भी नहीं थे। जिला आयुष अधिकारी हंसा बारिया ने वहां बन रही दवाइयों और कच्चे माल के सेंपल लिए और स्वास्थ्य से जुड़ी दवाइयों में गंभीर अनियमितताओं को देखते हुए प्रशासन ने तत्काल फैक्ट्री को सील कर दिया।
कार्रवाई के दौरान तहसीलदार पूनम तोमर सहित राजस्व अमला मौजूद रहा। मामले में आगे की जांच जारी है।
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