
विन्डओक। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने नामीबिया (Namibia) पहुंचकर इतिहास रच दिया। 27 साल बाद कोई भारतीय पीएम (Indian PM) दक्षिण अफ्रीका (South Africa) की इस धरती पर पहुंचा है। बुधवार को उन्हें नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान (Namibia’s highest civilian award) मिला। संसद को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत और नामीबिया के ऐतिहासिक संबंधों का संघर्ष और सपना एक जैसा है। दोनों देशों ने उपनिवेशवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ी है और दोनों ही लोकतंत्र, समानता, स्वतंत्रता और न्याय के साझा मूल्यों में विश्वास रखते हैं।
पीएम मोदी ने कहा, “यह मेरे लिए गर्व की बात है कि मैं इस लोकतंत्र के मंदिर में बोल रहा हूं। मैं भारत की 1.4 अरब जनता की ओर से शुभकामनाएं और स्नेह लेकर आया हूं। भारत और नामीबिया दोनों ने औपनिवेशिक शासकों से स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी। आज हम समानता, स्वतंत्रता और न्याय के मार्ग पर साथ चल रहे हैं।”
सर्वोच्च नागरिक सम्मान
प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया के राष्ट्रपति डॉ. नेतुम्बो नांदी-नदैतवाह ने देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ द मोस्ट एंशियंट वेलविट्सिया मिराबिलिस’ प्रदान किया। इस सम्मान पर पीएम मोदी ने कहा, “जैसे वेलविट्सिया मिराबिलिस का पौधा समय के साथ और मजबूत होता है, वैसे ही भारत-नामीबिया की मित्रता भी समय की कसौटी पर खरी उतरी है।” बता दें कि पीएम मोदी को यह 27वां अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिला है।
नामीबिया की संसद में गूंजा भारतीय लोकतंत्र
पीएम मोदी ने भारत के संविधान की ताकत का उदाहरण देते हुए कहा कि “आज भारत की राष्ट्रपति एक गरीब आदिवासी परिवार से हैं और एक गरीब परिवार में जन्मा व्यक्ति तीन बार देश का प्रधानमंत्री बना है। यह भारत के संविधान की ताकत है।” उन्होंने नामीबिया को उसकी पहली महिला राष्ट्रपति बनने पर बधाई दी और कहा, “भारत की तरह आप भी आज गर्व से कह सकते हैं—मैडम प्रेसिडेंट।”
27 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यात्रा
पीएम मोदी की यह यात्रा 27 वर्षों बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की नामीबिया यात्रा है। यह राष्ट्रपति नदैतवाह के कार्यकाल में पहली द्विपक्षीय राज्य यात्रा भी रही। दोनों देशों के नेताओं ने रक्षा, समुद्री सुरक्षा, डिजिटल तकनीक (जैसे यूपीआई), कृषि, स्वास्थ्य, ऊर्जा और खनिज जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय प्रवासी समुदाय से भी मुलाकात की और उनकी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़े रहने के जज्बे की सराहना की।
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