
इंदौर। नगर निगम द्वारा लक्ष्मी मेमोरियल से लेकर अटल द्वार तक की सडक़ को चौड़ी करने को लेकर दो दिन पहले नेहरू नगर की सडक़ों पर बने मकान, दुकानों पर नपती कर निशान लगाने की कार्रवाई की थी। निशान लगान से रहवासी भडक़ गए और उनका कहना था कि गलत नपती और निशान लगाए गए हैं। आज इस मुद्दे को लेकर वे क्षेत्रीय पार्षद, विधायक के साथ बड़ी संख्या में महापौर के पास पहुंचे और अपना पक्ष रखा। महापौर ने कहा कि गलती नपती हुई तो फिर नपती कराई जाएगी और किसी का नुकसान नहीं होने देंगे।
पिछले कई महीनों से लक्ष्मी मेमोरियल से नेहरू नगर होते हुए अटल द्वार तक मास्टर प्लान के तहत सडक़ बनाई जाना है। पहले वहां नपती और निशान लगाने की कार्रवाई की गई थी, लेकिन दोबारा फिर निगम की टीम क्षेत्र में नपती और निशान लगाने पहुंची तो कई मकानों पर लगाए गए निशान को लेकर रहवासी भडक़ गए। कई रहवासी बड़ी संख्या में क्षेत्रीय पार्षद के साथ-साथ विधायक महेंद्र हार्डिया को भी मामला बताने पहुंचे थे। दो दिनों से यह मामला सुर्खियों में है और आज सुबह फिर से बड़ी संख्या में नेहरू नगर के महिला-पुरुष जमा होकर महापौर बंगले पर पहुंचे, वहां विधायक महेंद्र हार्डिया, पार्षद लालबहादुर वर्मा, पूर्व पार्षद चंदू शिंदे सहित कई जनप्रतिनिधि भी पहुंच गए थे। रहवासियों के साथ महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बातचीत की और काफी देर तक चर्चा का दौर चलता रहा।
बैंकों का लोन है, मगर टूटे तो हम सडक़ पर आ जाएंगे
कई रहवासी महापौर भार्गव को पीड़ा बताते हुए भावुक भी हो गए थे और कुछ गुस्से में भी थे। रहवासियों का कहना था कि उनमें से कई लोगों ने बैंकों से लोन लेकर जैसे-तैसे मकान बनाए हैं और अभी उनकी किस्तें ही चल रही हैं। अगर निगम ऐसे में मकान तोड़ देगा तो वे सडक़ों पर आ जाएंगे। महापौर ने उन्हें आश्वस्त किया कि किसी का भी नुकसान नहीं होने देंगे।
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