
नई दिल्ली: देश में मुस्लिम समुदाय (muslim community) का सबसे बड़ा त्योहार ईद-उल-फितर (Eid-ul-Fitr) 22 अप्रैल को मनाया जाएगा. इस बाबत शिया चांद कमेटी (Shia Chand Committee) ने ऐलान किया है. बताया कि ईद का चांद शुक्रवार को देखा गया है. बता दें कि ईद-उल-फितर का त्योहार रमजान महीने के आखिरी दिन मनाया जाता है. ईद उल-फितर को मीठी ईद (Mithi eid) के नाम से भी जाना जाता है. इस्लामिक कैलेंडर (islamic calendar) के दसवें महीने शव्वाल के पहले दिन इसे मनाया जाता है.
रमजान के आखिरी दिन दुनिया भर में मुस्लिम समुदाय ईद मनाता है. इसमें धर्मार्थ कार्य किए जाते हैं. इसमें गरीबों को खाना खिलाना और दान देना शामिल है. इस दिन लोग नए कपड़े पहनते हैं और एक-दूसरे को गले लगाते हैं. ईद के त्योहार के साथ ही रोजे और इबादत का महीना समाप्त हो जाता है.
बता दें कि मुसलमानों का यह त्योहार भाईचारे का प्रतीक है. इस दिन लोग शांति और सुख-समृद्धि के लिए दुआएं मांगते हैं. दुनिया भर में ईद के इस त्योहार को हर्ष-उल्लास के साथ मनाया जाता है. ईद की तारीख हिजरी कैलेंडर के कारण साल-दर-साल बदलती रहती है. यह कैलेंडर चंद्रमा पर आधारित होता है. इसमें चांद की घटती-बढ़ती चाल के अनुसार दिनों की गिनती की जाती है.
ईद-उल-फितर रमजान के रोजा की समाप्ति पर सुबह से शाम तक मनाया जाता है. दुनिया भर के मुसलमान उत्साह के साथ त्योहार मनाते हैं. इस दिन लोग नए कपड़े पहनते हैं और सबसे पहले नमाज पढ़ने मस्जिद में जाते हैं. घरों में कई तरह के पकवान बनते हैं. इसमें बिरयानी, कबाब और मीठी सेवई का विशेष महत्व होता है. साथ ही इस दिन घर से बड़े सदस्यों की ओर से छोटों को उपहार भी दिए जाते हैं, जिसे ईदी कहा जाता है.
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