
नई दिल्ली । पाकिस्तान(Pakistan), इजरायल(israeli) समेत कई देशों के बाद अब कंबोडिया(Cambodia) ने भी अमेरिका(America) के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप(President Donald Trump) के लिए नोबेल शांति पुरस्कार(Nobel Peace Prize) की मांग कर दी है। कंबोडिया ने शुक्रवार को कहा कि वह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करेगा। कंबोडिया ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है जब ट्रंप के हस्तक्षेप के चलते ने थाइलैंड के साथ उसकी जंग पर विराम लगा।
कंबोडिया के उपप्रधानमंत्री और प्रमुख व्यापार वार्ताकार सन चंथोल ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, “हम राष्ट्रपति ट्रंप के प्रयासों के लिए आभारी हैं। उन्होंने शांति बहाली में अहम भूमिका निभाई है और इसलिए वह नोबेल पुरस्कार के पात्र हैं।” बीते सप्ताह ट्रंप द्वारा की गई एक अहम फोन कॉल ने दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे तनाव को समाप्त करने की दिशा में निर्णायक भूमिका निभाई।
थाइलैंड-कंबोडिया में युद्धविराम समझौता हुआ
इसके बाद मलेशिया में सोमवार को एक युद्धविराम समझौता हुआ। यह सीमा विवाद पिछले एक दशक में सबसे घातक रहा, जिसमें अब तक कम से कम 43 लोग मारे जा चुके हैं और दोनों देशों में 3 लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए। वाइट हाउस की प्रवक्ता कैरोलीन लेविट ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, “यह शांति राष्ट्रपति ट्रंप के कारण संभव हो सकी। उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए!”
कंबोडिया के अनुसार, ट्रंप के इस कदम से न केवल सीमा पर शांति लौटी है, बल्कि अमेरिका द्वारा उन पर लगाए जाने वाले टैरिफ दर में भी राहत मिली है। शुरुआत में अमेरिका ने कंबोडिया पर 49% टैरिफ लगाने की चेतावनी दी थी, जिसे घटाकर पहले 36% और अब 19% कर दिया गया है। चंथोल ने कहा, “अगर यह दर 36% पर भी रहती तो हमारी गारमेंट और फुटवियर इंडस्ट्री पूरी तरह से बर्बाद हो जाती। ट्रंप प्रशासन की पहल से हमें राहत मिली है।”
भारत का भी आया रिएक्शन, दो टूक जवाब
डोनाल्ड ट्रंप कई बार भारत-पाक संघर्ष रोकने में अपनी भूमिका का जिक्र कर चुके हैं जिसे भारत हर बार खारिज करता रहा है। हालांकि इसके बावजूद ट्रंप खुद के लिए नोबेल मांग रहे हैं। इसी से जुड़े एक सवाल के जवाब में भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि वाइट हाउस से ही यह सवाल पूछा जाना चाहिए कि क्या अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को युद्ध और संघर्ष रोकने के लिए नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए। वाइट हाउस के दावे के बारे में सवाल पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को कहा, “जहां तक वाइट हाउस के बयानों का सवाल है, कृपया अपना सवाल उनसे ही पूछें।”
क्या बोल वाइट हाउस?
वाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने दावा किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने दुनिया भर में कई संघर्षों को समाप्त कराया है, जिनमें भारत और पाकिस्तान के बीच का संघर्ष भी शामिल है इसलिए उन्हें नोबेल मिलना चाहिए। लेविट ने बृहस्पतिवार को वाइट हाउस में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ट्रंप ने ‘‘थाइलैंड और कंबोडिया, इजरायल और ईरान, रवांडा और लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो, भारत और पाकिस्तान, सर्बिया और कोसोवो तथा मिस्र और इथियोपिया के बीच संघर्ष समाप्त कर दिए हैं।’’ उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने अपने छह महीने के कार्यकाल में औसतन हर महीने एक शांति समझौता या युद्धविराम कराया है। प्रेस सचिव ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार दिए जाने का वक्त आ गया है।’’
ट्रंप ने यह दावा करीब 30 बार दोहराया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव ‘‘कम कराने में मदद की” और परमाणु हथियार संपन्न दक्षिण एशियाई पड़ोसी देशों से कहा कि अगर वे संघर्ष रोकते हैं, तो अमेरिका उनके साथ “बहुत ज्यादा व्यापार” करेगा। वहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस सप्ताह संसद में कहा कि किसी भी देश के किसी भी नेता ने भारत से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ रोकने के लिए नहीं कहा था।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को स्पष्ट रूप से कहा कि पाकिस्तान के साथ संघर्षविराम लाने में किसी तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप नहीं था। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सैन्य कार्रवाई रोकने और व्यापार के बीच कोई लेना-देना नहीं था। राज्यसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विशेष चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए जयशंकर ने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले से लेकर 16 जून तक प्रधानमंत्री मोदी और ट्रंप के बीच टेलीफोन पर कोई बातचीत नहीं हुई थी।
कई देश कर चुके हैं नोबेल की मांग
इससे पहले जून में पाकिस्तान ने भी भारत-पाक सीमा पर तनाव को कम करने में ट्रंप की भूमिका के लिए उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार की सिफारिश करने की बात कही थी। वहीं, पिछले महीने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी ट्रंप को नामित करने की घोषणा की थी। अल्फ्रेड नोबेल की इच्छा के अनुसार नोबेल शांति पुरस्कार उस व्यक्ति को दिया जाता है जिसने “राष्ट्रों के बीच भाईचारे, स्थायी सेनाओं के उन्मूलन या कमी, और शांति सम्मेलनों के आयोजन और प्रचार के लिए सबसे अधिक या सर्वश्रेष्ठ कार्य किया हो।” ट्रंप का नोबेल को लेकर लालच नया नहीं है। वे पहले भी इसकी मांग कर चुके हैं।
हाल के घटनाक्रमों में, कई विश्व नेताओं और राजनेताओं ने ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया है। अफ्रीकी नेताओं ने रवांडा और डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो के बीच दशकों से चले आ रहे खूनी संघर्ष को समाप्त करने में ट्रंप की मध्यस्थता की प्रशंसा की। गैबॉन के राष्ट्रपति ब्राइस ओलिगुई न्गुमा ने कहा, “वह उस क्षेत्र में शांति ला रहे हैं जहां यह पहले कभी संभव नहीं था। मेरा मानना है कि वह नोबेल शांति पुरस्कार के हकदार हैं।”
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