
चंडीगढ। शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal- SAD) ने केंद्र और राज्य सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए मंगलवार को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव (Vice President election.) का बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया है। इससे पहले सोमवार को नवीन पटनायक (Naveen Patnaik) के नेतृत्व वाली बीजू जनता पार्टी (Biju Janata Party) ने भी उपराष्ट्रपति चुनाव (Vice President election) से दूरी बनाने की घोषणा की थी। अब अकाली दल ने सरकार पर पंजाब में बाढ़ से आई तबाही को अनदेखा करने का आरोप लगाते हुए यह घोषणा की है।
पार्टी ने एक बयान जारी कर कहा है कि जब भी देश पर संकट आया है, पंजाब के लोगों ने हमेशा उसका साथ दिया लेकिन आज जब पंजाब खुद बाढ़ की वजह से गंभीर संकट का सामना कर रहा है, तब राज्य और केंद्र सरकार दोनों ने ही पंजाब की मदद के लिए कोई कदम नहीं उठाया। अकाली दल ने कहा है कि पंजाब का लगभग एक तिहाई हिस्सा पानी में डूबा हुआ है, जिससे घर और किसानों की फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं। यह सब पंजाब सरकार की लापरवाही और अक्षमता का नतीजा है। गौरतलब है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल बठिंडा से पार्टी की एकमात्र सांसद हैं।
पंजाब के लोग सरकार से नाराज- SAD
SAD ने बाढ़ को मानव-निर्मित त्रासदी करार देते हुए कहा है कि ना तो राज्य सरकार, ना केंद्र सरकार और ना ही कांग्रेस, किसी ने भी बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए हाथ नहीं बढ़ाया है। पार्टी ने कहा कि पंजाब के लोगों पर आए इस संकट का मुकाबला खासतौर पर सिख समुदाय और पंजाबी ही कर रहे हैं। पार्टी के बयान में कहा गया, “शिरोमणि अकाली दल पंजाब के लोगों के जज्बातों और आवाज का प्रतिनिधित्व करता है इसलिए पार्टी ने कल होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला किया है।
उपराष्ट्रपति चुनाव में वोट डालेगा अमृतपाल सिंह
वहीं पंजाब की खडूर साहिब लोकसभा सीट से सांसद, खालिस्तानी संगठन वारिस पंजाब दे संगठन का प्रमुख अमृतपाल सिंह उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान करेगा। फिलहाल वह असम की डिब्रूगढ़ केंद्रीय जेल में बंद है। अमृतपाल सिंह को उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 में मतदान सुविधा देने के लिए आवश्यक निर्देश जारी किए हैं। राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव नियम, 1974 के नियम 26 के अनुसार आयोग ने निर्देश दिए हैं कि उन्हें डाक मतपत्र उपलब्ध कराया जाए। निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार डाक मतपत्र मतदान के दिन ही सौंपा जाता है और चिन्हित डाक मतपत्र वाली सीलबंद लिफाफा मतगणना शुरू होने से पहले रिटर्निंग ऑफिसर तक पहुंचना अनिवार्य है।
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