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PAK के लिए जासूसी करने वाला एक और शख्स गिरफ्तार, कराची भेज रहा था सेना की सूचनाएं

July 31, 2025

नई दिल्‍ली । पाकिस्तान(Pakistan) के लिए जासूसी(Espionage) करने के आरोप में एक और शख़्स की पंजाब से गिरफ्तारी(Arrest from Punjab) हुई है। पटियाला पुलिस ने गांव भारसो निवासी 35 साल के गुरप्रीत सिंह को सेना की खुफिया जानकारी पाकिस्तान में अपने हैंडलर को भेजने के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोपी पिछले डेढ़ साल से पाकिस्तानी एजेंसियों को मिलिट्री स्टेशन की जानकारी भेज रहा था, जिसके पास से अलग-अलग कंपनियों के 4 फोन बरामद हुए हैं। पुलिस द्वारा आरोपी से गंभीरता से पूछताछ की जा रही है, जिससे बड़े खुलासे होने की उम्मीद है। कल आरोपी को कोर्ट में पेश कर उसे रिमांड पर लिया जाएगा।


वॉट्सऐप एक्टिवेशन कोड पाकिस्तान में रहने वाली लड़की को दिया

पटियाला के एस.एस.पी. वरुण शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि आरोपी गुरप्रीत सिंह विभिन्न ऐप्स के जरिए पाकिस्तानी एजेंसियों से संपर्क करता था। उन्होंने बताया कि वह फेसबुक से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के जाल में फंसा था। गुरप्रीत सिंह पंजाबी कुड़ी नाम की आईडी से पाकिस्तानी एजेंसियों से संपर्क करता था, जिस पर लिव्स इन कराची पाकिस्तान लिखा हुआ है। गुरप्रीत सिंह ने दिसंबर 2024 में अपने नाम से एक सिम जारी करवाया था और अपना वॉट्सऐप एक्टिवेशन कोड पाकिस्तान में रहने वाली लड़की को दिया था, जिसे वहीं रहने वाला एक व्यक्ति चला रहा था।

वॉट्सऐप और अन्य सोशल मीडिया ऐप्स के जरिए वह मिलिट्री स्टेशन की जानकारी, लोकेशन और मूवमेंट की तस्वीरें पाकिस्तान भेजता था। पटियाला पुलिस की साइबर यूनिट काफी टाइम से आरोपी गुरप्रीत सिंह पर निगरानी रख रही थी और उसकी संदिग्ध गतिविधियों को मोनिटर कर रही थी, आज उसे पक्के सबूतों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया।

बदले में पाकिस्तान से मिलते थे पैसे

एस.एस.पी. ने बताया कि इसके बदले उसे पाकिस्तान से पैसे दिये जाते थे। पुलिस को उसके कब्जे से चार मोबाइल फोन मिले हैं जिन में संवेदनशील तस्वीरें और वीडियो मिले हैं। इन मोबाइल को डिलीट डाटा रिकवर करने के लिए लैब भेजा जायेगा। साथ ही यह पता लगाया जायेगा कि कहीं सेना छावनी में इसका कोई सहयोगी तो नहीं, जिसकी मदद से उसे खुफिया जानकारी मिलती हों। इस काम में केंद्रीय एजेंसी की मदद भी ली जायेगी ताकि इस पूरे जासूसी नेटवर्क को पूरी तरह से तोड़ा जा सके। साथ ही उसके बैंक खातों की भी जांच की जायेगी और पता लगाया जायेगा कि उसे कहां से कब कब पैसे भेजे गए हैं।

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