
चंडीगढ़ । धार्मिक ग्रंथों के अपमान से जुड़ा (Related to insult to Religious Texts) बेअदबी विरोधी विधेयक 2025 (Anti-Sacrilege Bill 2025) पंजाब विधानसभा में पेश किया गया (Introduced in Punjab Assembly) । इस विधेयक को लेकर पंजाब के मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि सभी विपक्षी दल इस बिल को पास कराने के लिए सकारात्मक भूमिका निभाएंगे ।
पंजाब सरकार में मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा, “आज सदन में बहस के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। हम विधेयक पर चर्चा करेंगे और मुझे पूरी उम्मीद है कि सभी विपक्षी दल सकारात्मक भूमिका निभाएंगे, ताकि यह विधेयक पारित हो सके। यह बिल तीन करोड़ पंजाबियों के लिए बहुत बड़ी उम्मीद है। बहुत लंबे अरसे से ये बिल लटका हुआ था। कभी कांग्रेस ने तो कभी भाजपा ने बेअदबी विरोधी विधेयक से जुड़ा गलत बिल बनाया था, क्योंकि वे बेअदबी करने वाले लोगों को बचाना चाहते थे। इसलिए हम इस बिल को लेकर आए हैं। मुझे उम्मीद है कि ये बिल सदन से पास हो जाएगा।”
हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि इस बिल में 10 साल और अधिक से अधिक उम्रकैद की सजा का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, इसमें 5 से 10 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। साथ ही जो बेअदबी करने का प्रयास करेगा, उसे 3 से 5 साल तक की सजा मिलेगी और उनके लिए तीन लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है।
पंजाब के मंत्री तरुणप्रीत सिंह सोंद ने कहा, “मैं मुख्यमंत्री भगवंत मान का धन्यवाद करना चाहता हूं, जिनकी दृढ़ सोच और संकल्प के कारण आज विधानसभा में यह विधेयक पेश किया गया है। इस विधेयक का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी हमारे धार्मिक ग्रंथों के प्रति कोई अनादर या दुर्व्यवहार न कर सके। चाहे वह ‘श्री गुरु ग्रंथ साहिब’ हो, ‘भगवद गीता’ हो या ‘बाइबिल’ या फिर ‘कुरान’ हो, उनकी मर्यादा और इज्जत को कायम रखने के लिए इस बिल को सदन में पेश किया गया है।”
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक अश्विनी शर्मा ने धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी के खिलाफ सख्त कानून का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि इस तरह के अपराधों के लिए सजा को और कड़ा करना चाहिए। उन्होंने पंजाब में प्रस्तावित ‘बेअदबी विरोधी विधेयक’ पर जोर देते हुए कहा, “हम इस बिल का समर्थन करते हैं। बेअदबी के लिए सजा को 3 साल से बढ़ाकर 10 साल या उम्रकैद करना चाहिए।” शर्मा ने धार्मिक ग्रंथों, जैसे रामायण, विष्णु पुराण, भागवत पुराण और अन्य धर्मों के ग्रंथों का अपमान रोकने की जरूरत पर बल दिया। साथ ही मूर्तियां खंडित करने वालों के खिलाफ भी सख्त कानून बनाने की मांग की।
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