किसान आन्दोलन : समाधान तो संवाद से ही निकलेगा
– प्रभात झा महान भारतीय संस्कृति और परंपरा में कृषि को मानव कल्याण का साधन माना गया है। यजुर्वेद में कहा गया है- ‘कृष्यै त्वा क्षेमाय त्वा रय्यै त्वा पोषाय त्वा’। अर्थात राजा का मुख्य कर्त्तव्य कृषि की उन्नति, जन कल्याण और धन-धान्य की वृद्धि करना है। अन्न उत्पादन द्वारा अभाव तथा दारिद्रय को दूर … Read more