
हरिद्वार। हरिद्वार में अर्द्धकुंभ मेला (Ardh Kumbh Mela, Haridwar) छह मार्च 2027 से महाशिवरात्रि (Mahashivratri) पर शुरू होगा। वहीं, नासिक में सिंहस्थ कुंभ (Simhastha Kumbh, Nasik) दो अगस्त 2027 से 24 जुलाई 2028 तक चलेगा। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि (Srimahant Hari Giri) ने शनिवार को तिथियों की घोषणा की। हरिद्वार अर्द्धकुंभ मेले को लेकर आज 14 सितंबर का दिन बेहद अहम है। आज निरंजनी समेत सभी 13 अखाड़े बैठक करेंगे, जिसमें शाही स्नान समेत मेले की तिथियों पर फैसला लिया जाएगा।
रविवार को होने वाली बैठक जूना अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरि गिरि महाराज के सानिध्य और संरक्षण होगी। इसकी अध्यक्षता निरंजनी अखाड़े के सचिव व अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी करेंगे। श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने बताया कि हरिद्वार में वर्ष 2027 में लगने वाले अर्धकुंभ मेलों की तैयारियां शुरू हो गई हैं। अर्द्धकुंभ मेले में देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु आएंगे।
आज अर्द्धकुंभ की तिथियों की घोषणा
अर्द्धकुंभ मेले की तैयारियां तिथियों की घोषणा होने के बाद ही गति पकड़ती हैं। इसी कारण रविवार को निरंजनी अखाडे में सभी अखाडों की बैठक बुलाई गई है। बैठक में साधु-संतों से भी सुझाव लिए जाएंगे ताकि उनके आधार पर ही तैयारियां हों, 2027 का हरिद्वार का कुंभ मेला यादगार बने। श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि अर्द्धकुंभ मेला ऐतिहासिक रूप से सफल हो, इसके लिए देश के सभी साधु-संतों का पूर्ण सहयोग उत्तराखंड सरकार को मिलेगा।
सिंहस्थ कुंभ की तिथियां
श्रीमहंत हरि गिरि ने बताया कि सिंहस्थ कुंभ का पहला अमृत स्नान 2 अगस्त 2027 दर्श अमावस्या, द्वितीय स्नान 31 अगस्त 2027, तृतीय स्नान 12 सितंबर 2027 और समापन 24 जुलाई 2028 को होगा। श्रीमहंत हरि गिरि ने बताया कि अर्द्धकुंभ को लेकर अखाड़ा परिषद की बैठक निरंजनी अखाड़े में रविवार को होगी। इसमें सभी अखाड़ों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
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