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यह दवा बुजुर्ग मरीजों के मरने के जोखिम को घटा सकती है, study

November 20, 2020

कोरोना महामारी से आज सारा विश्‍व जुझ रहा है इस महामारी के दौरान मरने वालें मरीजों की संख्‍या में भी निरंतर वृद्धि होती जा रही है । कोरोना का इलाज करने के लिए पिछले 8 महीनों से डॉक्टर और वैज्ञानिक कोरोना के मरीजों पर कई तरह की दवाईयों का ट्रायल कर रहे हैं, ताकि इस बीमारी पर काबू पाया जा सके। अब वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि गठिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा बैरीसिटनिब (baricitinib) कोविड के गंभीर रोगियों के इलाज में असरदार साबित हो सकती है। ये बात इम्पीरियल कॉलेज लंदन और कैरोलिनस्का इंस्टीट्यूट, स्वीडन के वैज्ञानिकों के नेतृत्व में किए गए एक नए अंतरराष्ट्रीय अध्ययन में सामने आई है।

शुरूआती दौर के परीक्षण में, शोधकर्ताओं ने 83 रोगियों को एक दवा दी है जिसमें 81 रोगियों की उम्र 81 वर्ष थी, जो मध्यम से गंभीर कोविड -19 संक्रमण से पीड़ित थे। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार बैरीसिटनिब दवा आमतौर पर रूमेटाइड अर्थराइटिस के इलाज के लिए प्रयोग की जाती है। इस अध्ययन में सामने आया है कि जिन मरीजों को यह दवा दी गई उनमें इस दवा का सेवन नहीं करने वाले मरीजों की तुलना में मौत का खतरा 71 फीसद घट गया।

शुरुआत में इंपीरियल टीम द्वारा इस दवा का उपयोग ऐसी दवा के रूप में किया गया जिसका एंटी-वायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव हो सकता है। अध्ययन के मुताबिक इटली और स्पेन के कई अस्पतालों में भर्ती 71 फीसदी मरीजों पर इस दवा का इस्तेमाल किया गया। जिन मरीजों पर इस दवा का इस्तेमाल नहीं किया गया उनके मुकाबले दवा का इस्तेमाल करने वाले बुजुर्ग मरीजों के मरने का जोखिम कम था।

इंपीरियल में सर्जरी और कैंसर विभाग के सह-प्रमुख लेखक प्रोफेसर जस्टिन स्टीबिंग ने बताया कि यह दवा मध्यम से गंभीर कोविड -19 के रोगियों की सहायता कर सकती है। इतना ही नहीं ये वायरस के खिलाफ लड़ने में मदद कर सकती है। इस दवा के बड़े पैमाने पर नैदानिक परीक्षण की जांच के लिए अब भी अध्ययन चल रहा हैं।

अध्ययन के मुताबिक गठिया के उपचार में काम आने वाली दवा कोविड-19 से संक्रमित बुजुर्ग मरीजों के मरने के जोखिम को घटा सकती है। अनुंसधान दल ने कहा कि इस निष्कर्ष को बड़े पैमाने पर क्लीनिकल परीक्षण में परखा जा रहा है। ये अध्ययन साइंसेज एडवांसेज पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। इस अध्ययन के सह लेखक इंपीरियल कॉलेज लंदन के प्रोफेसर जस्टिन स्टेब्बिंग ने कहा जब तक हम टीके के व्यापक रूप से उपलब्ध हो जाने का इंतजार कर रहे हैं तब तक हमें कोविड-19 के और प्रभावी उपचार की सख्त जरूरत हैं।

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