
नई दिल्ली । मध्यप्रदेश(Madhya Pradesh) के दतिया जिले(Datia district) में एक दिल दहला(heart shaken) देने वाली घटना ने पुलिस विभाग(Police Department) और स्थानीय माफिया(Local Mafia) के बीच कथित सांठगांठ(Alleged collusion) को उजागर किया है। 51 साल के ASI प्रमोद पवन ने गोदन थाने के सरकारी आवास में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। उनकी मौत से पहले बनाए गए वीडियो ने सनसनी मचा दी है, जिसमें उन्होंने पुलिस अधिकारियों और रेत माफिया द्वारा मानसिक प्रताड़ना, जातिगत भेदभाव और जान से मारने की धमकियों का खुलासा किया।
वीडियो में चौंकाने वाले खुलासे
प्रमोद पवन ने सुसाइड से पहले कई वीडियो रिकॉर्ड किए, जो अब सोशल मीडिया और व्हाट्सएप ग्रुप्स में वायरल हो रहे हैं। इन वीडियो में उन्होंने गोदन थाने के प्रभारी अरविंद सिंह भदौरिया, कांस्टेबल-ड्राइवर रूप नारायण यादव और थरेट थाने के प्रभारी अंफसुल हसन पर गंभीर आरोप लगाए। ASI ने बताया कि अवैध रेत खनन से जुड़े एक ट्रैक्टर-ट्रॉली को रोकने के बाद से उनकी जिंदगी नर्क बन गई थी। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है। मुझे स्टेशन छोड़ने की इजाजत नहीं दी गई, न ही आधार या समग्र कार्ड बनवाने की। रोजाना जातिगत गालियां दी जाती हैं। मैं ठीक से खाना भी नहीं खा पा रहा।’
रेत माफिया और पुलिस का गठजोड़?
प्रमोद ने अपने वीडियो में स्थानीय माफिया बबलू यादव का नाम लिया, जिसके ट्रैक्टर को उन्होंने रोका था। उन्होंने आरोप लगाया कि बबलू ने उन्हें ट्रैक्टर से कुचलने की धमकी दी थी। इसके अलावा, उन्होंने अवैध जुआ सट्टे के अड्डों का भी जिक्र किया, जो कथित तौर पर पुलिस संरक्षण में चल रहे हैं। ASI ने रघु यादव, राम लखन यादव और रामराजा यादव को इन अड्डों के संचालक बताया और दावा किया कि 2024 में नरेंद्र यादव की हत्या भी इन्हीं से जुड़ी है। उन्होंने यह भी कहा कि कांस्टेबल रूप नारायण यादव के कॉल रिकॉर्ड की जांच से कई हत्याओं के सबूत मिल सकते हैं।
पुलिस ने शुरू की जांच, दो अधिकारी लाइन अटैच
घटना के बाद दतिया के पुलिस अधीक्षक सूरज कुमार वर्मा ने बताया कि मामले की जांच डिप्टी SP की अगुवाई में शुरू की गई है। गोदन थाने के प्रभारी अरविंद सिंह भदौरिया और कांस्टेबल रूप नारायण यादव को तत्काल प्रभाव से पुलिस लाइन अटैच कर दिया गया है। SP ने कहा, ‘पारदर्शिता बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया गया है। अंफसुल हसन के खिलाफ कार्रवाई जांच के निष्कर्षों पर निर्भर करेगी, क्योंकि उनका प्रमोद के साथ सीधा संबंध नहीं दिखता।’ हालांकि, SP ने यह भी स्वीकार किया कि उन्हें पहले प्रमोद की शिकायतों की जानकारी नहीं थी।
जातिगत भेदभाव का गंभीर आरोप
प्रमोद पवन, जो अनुसूचित जाति (SC) समुदाय से थे, ने अपने वीडियो में बताया कि उन्हें जातिगत गालियों और भेदभाव का सामना करना पड़ा। यह आरोप मध्यप्रदेश जैसे राज्य में गंभीर सवाल उठाता है, जहां सामाजिक समानता की बातें अक्सर की जाती हैं। सोशल मीडिया पर लोगों ने इस घटना को पुलिस विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और जातिगत भेदभाव का प्रतीक बताया है।
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