
गुवाहाटी । असम (Assam) के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा (Chief Minister Himanta Biswa Sarma) ने स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) के अवसर पर गुवाहाटी (Guwahati) में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद एक कड़ा संदेश दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि असमिया लोग चुप रहे, तो 20 साल बाद असम में राष्ट्रीय ध्वज कोई “अज्ञात समूह” का मुख्यमंत्री फहराएगा। शर्मा ने अपने भाषण में “अज्ञात लोग” की पहचान स्पष्ट नहीं की, लेकिन उनके बयान को बंगाली भाषी मुस्लिम समुदाय के संदर्भ में देखा जा रहा है। बाद में अपने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट में, सीएम ने कहा, “अगर हम अभी कार्रवाई नहीं करते हैं, तो कुछ ही वर्षों में, असम की जनसांख्यिकी इस तरह बदल जाएगी कि मुख्यमंत्री भी घुसपैठियों के समुदाय से होगा।”
शर्मा ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर गुवाहाटी में राष्ट्रीय ध्वज फहराते हुए राज्य की स्वदेशी पहचान पर मंडराते खतरे को लेकर कड़ा रुख अपनाया। अपने भाषण में, असम सीएम ने अवैध घुसपैठ को राज्य की संस्कृति, भूमि और पहचान के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया और इसे ‘लैंड जिहाद’ करार दिया। उन्होंने सभी स्वदेशी निवासियों से एकजुट होकर अपनी जमीन, संस्कृति और जीवनशैली की रक्षा करने का आह्वान किया। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि वह राज्य के मूल निवासियों और उनकी पहचान के लिए संघर्ष करते रहेंगे।
गुवाहाटी में स्वतंत्रता दिवस समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहराते हुए, शर्मा ने कहा कि उनकी सरकार ने इस संघर्ष के तहत 1.2 लाख बीघा (16,000 हेक्टेयर से अधिक) भूमि से अतिक्रमण हटा दिया है। उन्होंने कहा, “लव जिहाद की तरह, अब एक वर्ग भूमि जिहाद में लिप्त होकर असमिया पहचान को खतरे में डालने की कोशिश कर रहा है। बेदखली अभियान के माध्यम से हमने यह संदेश दिया है कि हमारी सरकार कभी समझौता नहीं करेगी।”
बांग्ला भाषी मुसलमानों की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि “अज्ञात” लोगों की आक्रामकता ने निचले और मध्य असम की जनसांख्यिकी को बदल दिया, और फिर उनकी नजर ऊपरी व उत्तरी असम पर पड़ी। उन्होंने कहा, “उन्हें रोकने के लिए, हमने उनके आक्रमण के खिलाफ़ युद्ध की घोषणा कर दी है। मैं वादा करता हूं कि हम चरागाहों, आदिवासी इलाकों और सरकारी जमीन के हर टुकड़े से अज्ञात लोगों को बेदखल कर देंगे।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “यह सिर्फ एक राजनीतिक मुद्दा नहीं है, यह हमारी अस्तित्व की लड़ाई है। अगर हम चुप रहे, तो अगले एक दशक में हम अपनी पहचान, अपनी जमीन और वह सब कुछ खो देंगे जो हमें असमिया बनाता है।” उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मौजूदा स्थिति पर नियंत्रण नहीं किया गया, तो अगले 20 वर्षों में असम में राष्ट्रीय ध्वज किसी ‘अज्ञात’ मुख्यमंत्री द्वारा फहराया जा सकता है।
शर्मा ने पिछले 78 वर्षों में विभिन्न सरकारों पर अवैध घुसपैठ को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया, जिसके कारण कई जिलों में जनसांख्यिकीय परिवर्तन देखने को मिले हैं। उन्होंने दावा किया कि असम की स्वदेशी आबादी अब केवल 60% रह गई है और निचले एवं मध्य असम में जनसांख्यिकी में भारी बदलाव हुआ है।
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