
नई दिल्ली । असम (Assam) के जोरहाट में दो दिगंबर जैन मुनियों (Digambara Jain sadhu) के नेतृत्व में जैन समुदाय (Jain Community) के लोगों ने धार्मिक यात्रा निकाली थी। शहर की मुख्य सड़कों से निकली इस धार्मिक यात्रा में समुदाय के लोगों ने भाग लिया। लेकिन दिगंबर जैन परंपरा के अनुसार मुनियों के नग्न होने पर शहर के लोगों के एक समूह ने इस रैली की तीखी आलोचना की और विरोध प्रदर्शन भी निकाला। इस घटना के बाद सीएम हिमंत बिस्वा सरमा (CM Himanta Biswa Sarma) ने कहा कि जैन समुदाय निकाली गई किसी भी धार्मिक यात्रा में अगर बाधा डालने का प्रयास किया गया तो उन असमाजिक तत्वों से सख्ती के साथ निपटा जाएगा।
सीएम हिमंत ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर किए अपने पोस्ट में लिखा कि जैन धर्म, अपने परम पूजनीय मुनियों के साथ अहिंसा, त्याग और निस्वार्थ भक्ति का प्रतीक है। उनकी पवित्र प्रथाओं को अगर किसी ने भी बाधित करने का प्रयास किया तो उन असमाजिक तत्वों के खिलाफ कड़ी और निर्णायक कार्रवाई की जाएगी। सीएम ने कहा कि असम हमेशा से धार्मिक सहिष्णुता को बनाए रखने के लिए दृढ़ है और करुणा और मानवता को मानता है। हम इन संदेशों को आगे बढ़ाना जारी रखेंगे।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, नागालैंड के दीमापुर से दो जैन मुनि एक धार्मिक जुलूस के साथ जोरहाट के शहर के मारवाड़ी ठाकुरबाड़ी में आए हुए थे। उनका यह जुलूस शहर के मुख्य मार्गों से होकर भी निकला। अगले दिन यानि गुरुवार को इन संतों की दिगंबर परंपरा आधार पर नग्न होने का विरोध करते हुए लोगों के एक समूह ने विरोध प्रदर्शन किया और नारेबाजी करते हुए जिला आयुक्त कार्यालय तक मार्च किया। इस दौरान कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया, जिन्हें बाद में जमानत पर छोड़ दिया।
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