
नई दिल्ली । मशहूर गायक जुबीन गर्ग(Famous singer Zubeen Garg) के निधन के बाद असम की राजनीतिक(Assam’s political) गलियों में सरगर्मी तेज(stirring fast) है। कई रिपोर्ट्स में कहा गया कि जुबिन के बैंडमेट शेखर ज्योति गोस्वामी ने जांचकर्ताओं को बताया कि हो सकता है जुबिन को जहर दिया गया हो। हालांकि, अब इस दावे को दिवंगत गायक के एक और बैंडमेट पार्थ प्रतिम गोस्वामी ने खारिज कर दिया है। उन्होंने इन दावों को पूरी तरह से बकवास और स्क्रिप्टेड करार दिया।
पत्रकारों से बात करते हुए पार्थ ने कहा, “मैं उनकी (सीआईडी) की मदद करने के लिए 110 फीसदी तैयार हूं। यह मामला हर दिन एक नया मोड़ ले रहा है। कल अचानक हमें पता चला कि शेखर (बैंडमेट शेखर ज्योति गोस्वामी) ने कहा है कि ज़ुबीन को जहर दिया गया था। क्या यह बताने में 15 दिन लगते हैं कि किसी को जहर दिया गया था?”
गोस्वामी ने कहा कि अगर जहर देने की बात साबित हो जाती है, तो फिर आरोपी को भी वैसी ही सजा मिलनी चाहिए, जैसी अभी जुबिन के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा को मिल रही है। वह पहले से ही जांच के दायरे में हैं। उन्होंने कहा, “अगर यह साबित हो जाता है कि ज़ुबीन को ज़हर दिया गया था, तो उसे सिद्धार्थ के समान ही आजीवन कारावास की सज़ा मिलनी चाहिए। लेकिन मुझे अब भी लगता है कि यह बकवास है।
पार्थ ने सिंगापुर के सख्त कानूनों और फोरेंसिक जांच का हवाला देते हुए इस दावे की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “मैंने ज़ुबीन के डूबने का वीडियो कभी नहीं देखा। हम सभी ने उसके संघर्ष करते और वापस आते हुए वीडियो देखे। जहाँ तक मुझे पता है, सिंगापुर का कानून दुनिया के सबसे सख्त कानूनों में से एक है। क्या उन्होंने इतनी लापरवाही दिखाई कि पोस्टमॉर्टम में ज़हर नहीं पाया जा सका? मुझे इस पर विश्वास नहीं होता। क्या आपको लगता है कि सिंगापुर ऐसी गलती करेगा?”
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