
इंदौर। जनजातीय विभाग इंदौर के मंडल संयोजक और सहायक महिला क्लर्क के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किए जाने के बाद अब लोकायुक्त ने विभाग की सहायक आयुक्त को भी नोटिस भेजकर तलब किया है, ताकि उनकी भूमिका के बारे में भी जांच की जा सके। 50 हजार की रिश्वत के मामले में दोनों अधिकारियों को हटाने के लिए भी लोकायुक्त ने शासन को पत्र लिखा है। लोकायुक्त डीएसपी प्रवीणसिंह बघेल ने बताया कि सहायक आयुक्त जनजातीय सुप्रिया बिसेन को नोटिस देकर जल्द ही लोकायुक्त कार्यालय में उपस्थित होने के निर्देश दिए गए हैं।
उक्त अधिकारी लंबे समय से यहीं पर पदस्थ हैं और पिछले दिनों 50 हजार रुपए की रिश्वत के मामले में पकड़ी गई महिला क्लर्क उमा मर्सकोले तथा मंडल संयोजक विजय जायसवाल इन्हीं के लिए काम करते थे, इसलिए विभाग महिला अधिकारी की भूमिका की भी जांच कर रहा है। बघेल ने बताया कि उमा मर्सकोले ने रिटायर्ड तहसीलदार विक्रम गेहलोत के भवन का किराया 11 लाख रुपए दिलाने के लिए 15 प्रतिशत की राशि के हिसाब से 50 हजार की घूस मांगी थी, जिस पर लोकायुक्त की टीम ने दोनों को रंगेहाथ पकड़ा था। अब दोनों अधिकारियों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है।
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