
गुरुग्राम। दिल्ली एनसीआर, एनएएसी से मान्यता प्राप्त एपीजे सत्य यूनिवर्सिटी (APJ Satya University), गुरुग्राम (Gurgaon) ने हाल ही में Indian Red Cross Society, हरियाणा शाखा (Haryana Branch) द्वारा 23 से 27 जून 2025 तक मनाली, हिमाचल प्रदेश में आयोजित State Level Youth Red Cross Adventure Camp 2025 में भाग लेकर एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि वह सिर्फ शिक्षा का केंद्र नहीं, बल्कि युवा सशक्तिकरण और जिम्मेदार नागरिक निर्माण का सशक्त मंच है। इस विशेष शिविर में हरियाणा के चुनिंदा संस्थानों से पुरुष छात्रों का चयन किया गया था। ASU का प्रतिनिधित्व फार्मास्युटिकल साइंसेज स्कूल के असिस्टेंट प्रोफेसर श्री मनोज कुमार शर्मा के नेतृत्व में हुआ।
नेतृत्व, अनुशासन और आत्मनिर्भरता की पाठशाला
इस रोमांचक कैम्प में ASU के शानदार छात्रों ने रिवर क्रॉसिंग, ट्रैकिंग, रॉक क्लाइंबिंग, फर्स्ट-एड ट्रेनिंग और आपदा प्रबंधन जैसी चुनौतीपूर्ण गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी की। इन अनुभवों ने छात्रों को न केवल टीमवर्क और नेतृत्व, बल्कि प्राकृतिक और सामाजिक संवेदनशीलता का भी व्यावहारिक अनुभव दिया। एक विशेष शाम कैम्पफायर और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के नाम रही, जहाँ विभिन्न जिलों से आए प्रतिभागियों ने एक-दूसरे की भाषाओं, गीतों और परंपराओं के माध्यम से एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना को जीवंत किया।
विश्वविद्यालय नेतृत्व ने की छात्रों की सराहना
ASU प्रशासन ने इस पूरे अनुभव को छात्रों के समग्र विकास का अहम हिस्सा बताया। छात्रों ने इस अवसर के लिए श्रीमती सुषमा पॉल बर्लिया (चांसलर), डॉ. नेहा बर्लिया (प्रो-चांसलर), डॉ. विजय वीर सिंह (Vice Chancellor), प्रो. संजय अहिरवाल (डीन स्टूडेंट वेलफेयर), डॉ. प्रदीप कुमार (रजिस्ट्रार), और डॉ. विजय कुमार (कोऑर्डिनेटर) का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने इस शिविर के लिए प्रेरित किया और हर तरह से सहयोग सुनिश्चित किया। हर प्रतिभागी के लिए यूनिवर्सि टी द्वारा बीमा कवरेज सुनिश्चित की गई, जिससे उनके सुरक्षा और आत्मविश्वास दोनों में वृद्धि हुई।
ASU की शिक्षा दर्शन: क्लासरूम से बाहर की दुनिया में भी तैयारी
ASU को NAAC A ग्रेड से मान्यता प्राप्त है और यह 50+ वर्षों की शिक्षा उत्कृष्टता की विरासत के साथ दिल्ली-एनसीआर की अग्रणी यूनिवर्सिटी है। यहां शिक्षा सिर्फ किताबी नहीं, बल्कि 360° होलिस्टिक डेवेलपमेंट पर आधारित है। ASU में खेल, एनएसएस, फिटनेस फेस्टिवल्स, और सांस्कृतिक कार्निवल्स जैसी गतिविधियाँ छात्रों को आत्मनिर्भर, स्वस्थ और समाजोन्मुख बनाती हैं। यही कारण है कि विश्वविद्यालय छात्रों को सिर्फ डिग्री नहीं, बल्कि जीवन जीने की दिशा भी देता है।
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