
इंदौर। कांग्रेस को विरोध करने का बहाना चाहिए। प्रकृति पर किसी का नियंत्रण नहीं होता है। इतनी तेज आंधी में पेड़ों का गिरना, बिजली गुल होना और तेज बारिश के चलते पानी घरों में घुसना आम बात है, लेकिन फुरसती कांग्रेसी निगम से लेकर बिजली विभाग के विरोध में रात 1 बजे नारेबाजी करते हुए पुतला दहन करने जा पहुंचे, जबकि नेता होने के नाते उनका फर्ज था कि ऐसे समय में पीडि़त लोगों की मदद की जाए, फंसे वाहनों को निकलवाया जाए, रास्ते से पेड़ों को हटाया जाए।
देर रात जब शहर समस्याओं से जूझ रहा था, तब कांग्रेस नेता देवेंद्रसिंह यादव ने अपनी टोली के साथ निगम और बिजली विभाग को कोसते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव, विद्युत मंत्री प्रद्युम्न तोमर और महापौर पुष्यमित्र भार्गव के खिलाफ नारे लगाए। यादव ने आरोप लगाया कि करोड़ों की लागत से मिलने वाला मेंटेनेंस बजट भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है। घटिया सामग्री से लगे ट्रांसफार्मर और पोल बारिश में गिर गए, जिससे शहर घंटों अंधेरे में डूबा रहा। गनीमत तो यह रही कि उन्होंने पेड़ों के गिरने का कारण भ्रष्टाचार नहीं बताया, जबकि बिजली गुल होने और अंधेरे का कारण पेड़ों का गिरना रहा।
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