
न्यूयॉर्क। भारत (India) ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में सोमवार (स्थानीय समय) को एक बार फिर पाकिस्तान (Pakistan) को मुंहतोड़ जवाब दिया है। दरअसल, परिषद में ‘शांति के लिए नेतृत्व’ विषय पर खुली बहस हो रही थी। इस दौरान पाकिस्तान ने भारत के जम्मू-कश्मीर को ‘विवादित’ बताया। भारत ने पाकिस्तान के इस दावे को बेबुनियाद बताया और दोहराया कि जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश है और भारत का अभिन्न हिस्सा है। वह पहले भी भारत का हिस्सा था। आज भी है और हमेशा रहेगा। बहस के दौरान संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने पाकिस्तान को ‘आतंकवाद का वैश्विक केंद्र’ बताया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र के मंच का इस्तेमाल भारत और उसके लोगों को नुकसान पहुंचाने व अपने विभाजनकारी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए कर रहा है।
राजदूत हरीश ने आतंकवाद को समर्थन देने के पाकिस्तान के इतिहास का जिक्र करते हुए सिंधु जल संधि स्थगित करने के भारत के फैसले का मजबूती से बचाव किया। उन्होंने कहा कि भारत ने 65 साल पहले यह संधि अच्छे इरादों और मित्रता की भावना से की थी, लेकिन पाकिस्तान ने तीन युद्ध छेड़कर और हजारों आतंकी हमले करके बार-बार इसकी भावना का उल्लंघन किया। अप्रैल 2025 के पहलगाम आतंकी हमले का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि यह घटना दिखाती है कि आतंकवाद को पाकिस्तान का निरंतर समर्थन मिल रहा है। पहलगाम आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की हत्या कर दी गई थी। इन सभी लोगों को मारने से पहले आतंकियों ने उनकी धार्मिक पहचान के बारे में पूछा था। उन्होंने कहा कि भारत ने फैसला किया है कि सिंधु जल संधि को तब तक स्थगित रखा जाएगा, जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद और सभी प्रकार के आतंकवाद को समर्थन देना स्थायी रूप से बंद नहीं करता। उन्होंने आगे कहा, मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं..भारत पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के हर रूप और हर तरीके से पूरी ताकत के साथ मुकाबला करेगा।
उन्होंने कहा, भारत ने 65 साल पहले सिंधु जल संधि अच्छे विश्वास और मित्रता की भावना से की थी। इन साढ़े छह दशकों में पाकिस्तान ने तीन युद्ध और हजारों आतंकी हमलों के जरिए इस संधि की भावना को तोड़ा है। पिछले चार दशकों में पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकवाद में हजारों भारतीयों की जान गई है। इनमें सबसे हालिया अप्रैल 2025 का पहलगाम आतंकी हमला है, जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने 26 निर्दोष नागरिकों की धर्म के आधार पर हत्या की। इसी पृष्ठभूमि में भारत ने घोषणा की है कि यह संधि तब तक स्थगित रहेगी, जब तक आतंकवाद का वैश्विक केंद्र पाकिस्तान सीमा पार और सभी प्रकार के आतंकवाद को समर्थन देना पूरी तरह और स्थायी रूप से बंद नहीं करता।
भारत ने कहा कि पाकिस्तान के पास अपने लोगों की इच्छा का सम्मान करने का एक ‘अनोखा’ तरीका है, जिसमें एक प्रधानमंत्री को जेल में डालना और अपने सेना प्रमुख को आजीवन कानूनी प्रतिरक्षा देना शामिल है। हरीश ने कहा, एक प्रधानमंत्री को जेल में डालना, सत्तारूढ़ राजनीतिक पार्टी पर प्रतिबंध लगाना और 27वें संविधान संशोधन के जरिये अपनी सशस्त्र सेनाओं से संविधानिक तख्तापलट कराना, साथ ही अपने चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज (सीडीएफ) को आजीवन प्रतिरक्षा देना..पाकिस्तान के पास, निश्चित रूप से, अपने लोगों की इच्छा का सम्मान करने का एक अनोखा तरीका है।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान अगस्त 2023 में भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तारी होने के बाद से जेल में हैं। खबरों के अनुसार उन्हें लंबे समय तक एकांत कारावास में रखा गया है। संयुक्त राष्ट्र की यातना पर विशेष दूत एलिस जिल एडवर्ड्स ने हाल ही में पाकिस्तान सरकार से इमरान खान की जेल में ‘अमानवीय और अपमानजनक’ स्थिति को लेकर तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि ये हालात यातना या अन्य प्रकार के दुर्व्यवहार के बराबर हो सकते हैं।
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