
झालरापाटन । वसुन्धरा राजे (Vasundhara Raje) ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) दूरदर्शी सोच और विकासवाद के पक्षधर थे (Was visionary and advocated for Development) ।
पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि अटल जी के समय वे विदेश मंत्री थी, इसलिए पोकरण में परमाणु परीक्षण उनके सामने हुआ । कठिन और अजीबोगरीब परिस्थियों में धैर्य बनाये रखना उन्होंने अटलजी से सीखा। अटल जी कि वो पंक्तियां मेरे लिए प्रेरणा वाक्य है, जिनमें उन्होंने कहा कि बाधाएँ आती हैं आएँ, घिरें प्रलय की घोर घटाएँ, पावों के नीचे अंगारे, सिर पर बरसें यदि ज्वालाएँ, निज हाथों में हँसते-हँसते, आग लगाकर जलना होगा। क़दम मिलाकर चलना होगा।
वे गुरुवार को झालरापाटन में स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की 101 वीं जयंती पर बोल रही थी। उन्होंने झालरापाटन वासियों को अटल वन की सौगात दी। इस कार्यक्रम में 11 हज़ार पौधे लगाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि अटलजी ने कारगिल युद्ध में सिद्ध कर दिया कि भारत दुश्मनों को सबक़ सिखाना अच्छे से जानता है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना अटल जी की दूरदर्शी सोच का ही परिणाम थीं।
राजे ने कहा कि अटल जी के सपनों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार किया। नदियों को जोड़ने की उनकी कल्पना बेमिसाल थी। अटल जी की दो पंक्तियां हमें विपरीत परिस्थियों में भी आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ना सिखाती है, आओ फिर से दिया जलाएँ, भरी दुपहरी में अँधियारा, सूरज परछाई से हारा, अंतरतम का नेह निचोड़ें-बुझी हुई बाती सुलगाएँ। आओ फिर से दिया जलाएँ।
सांसद दुष्यंत सिंह ने कहा कि अटलजी जब पहली बार यूएन में संबोधन के लिए गए तो उन्होंने वहां हिंदी में भाषण दिया। उनके भाषण के बाद दुनिया के नेताओं ने तालियां बजाकर, खड़े होकर उनका अभिनंदन किया था।
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