
डेस्क: ईरान (Iran) और इजराइल (Israel) के बीच जारी तनाव अब खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुका है. शुक्रवार को इजराइल ने ईरान की कई परमाणु (Nuclear) और सैन्य ठिकानों पर हमला किया. इनमें सबसे बड़ा झटका ईरान के नतांज एनरिचमेंट फैसिलिटी को लगा है, जिसे अब पूरी तरह तबाह बताया जा रहा है. ईरान के एटॉमिक एनर्जी प्रमुख ने खुद इस बात की पुष्टि की है कि नतांज रिएक्टर अब नहीं बचा.
नतांज न्यूक्लियर फैसिलिटी ईरान की सबसे महत्वपूर्ण यूरेनियम संवर्धन (enrichment) साइट मानी जाती है. ये राजधानी तेहरान से करीब 220 किलोमीटर दूर है. इस फैसिलिटी के कई हिस्से जमीन के नीचे बनाए गए थे ताकि हवाई हमलों से बचाव हो सके. यहां सेंट्रीफ्यूज की कई कैस्केड्स लगे थे, जिनके ज़रिए यूरेनियम को उच्च स्तर पर संवर्धित किया जाता था.
नतांज को ईरान के परमाणु कार्यक्रम का दिल माना जाता है. इसी वजह से यह साइट पहले भी हमलों और साइबर अटैक्स का निशाना बन चुकी है. 2010 में इस साइट पर स्टक्सनेट वायरस से हमला हुआ था, जिसे इजराइल और अमेरिका की जॉइंट ऑपरेशन माना जाता है. उस हमले में ईरान के कई सेंट्रीफ्यूज बर्बाद हो गए थे. इसके अलावा दो बार और यहां तोड़फोड़ हुई, जिनका आरोप इजराइल पर ही लगा.
ये परिसर साल 2002 में पहली बार दुनिया की नजरों में तब आया था, जब सैटेलाइट तस्वीरों से इसका खुलासा किया गया था. यहां ईरान ने हजारों की संख्या में सेंटरफ्यूज मशीनें लगा रखी हैं, जिनका इस्तेमाल यूरेनियम को 3.5% से लेकर 60% तक संवर्धित करने के लिए किया जाता है. परमाणु बम बनाने के लिए लगभग 90% संवर्धन की जरूरत होती है.
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