
इंदौर। गोपाल मंदिर में अग्रवाल परिवार की शादी के आयोजन के बाद से विवादों में घिरा प्रशासन एक बार फिर गोपाल मंदिर के दोनों तरफ व पिछले हिस्से के गलियारो को किराए पर दिए जाने की कोशिशों में है। इसके लिए सामाजिक संस्थाओं और संतों की आड़ लेकर योजनाएं बनाई जा रही है। कमिश्नर कार्यालय में आज विभिन्न समाज के धर्मलंबियों को बैठक में आमंत्रित किया गया है, जहां स्मार्ट सिटी के अधिकारी प्रजेंटेशन के माध्यम से बताएंगे कि किस तरह से इन बरामदों का प्रयोग कर किराए पर देकर राजस्व को बढ़ाया जा सकता है।
राजवाड़ा के समीप स्थित प्राचीन गोपाल मंदिर के पुनर्निर्माण के बाद उसकी भव्यता और सुंदरता देखते ही बनती है। मंदिर की देखरेख के साथ-साथ रखरखाव का जिम्मेदारी स्मार्ट सिटी उठा रही है, लेकिन अब यहां मंदिर को किराए पर देकर आमदनी बढ़ाने की भी तैयारी की जा रही है। इसके लिए मंदिर के पिछले हिस्से में बनाए गए हॉल ओर बरामदों में अब धार्मिक आयोजन को लेकर पहल की जा रही है। मंदिर का राजस्व बढ़ाने की योजना बनाने के साथ ही मंदिर कॉरिडोर में धार्मिक आयोजन के लिए सामाजिक और धार्मिक संगठनों को देने की बात पर विचार किया जा रहा है।
विभाग के जानकारों ने बताया कि आज दोपहर बाद इस पर मंथन किया जाएगा। कॉरिडोर को लेकर कार्ययोजना स्मार्ट सिटी के माध्यम से बनाई जा रही है। मंदिर को लेकर आज शाम संभाग आयुक्त दीपक सिंह समीक्षा भी करेंगे, जिसमें कई मुद्दे रखे गए हैं। उल्लेखनीय है कि पूर्व माफी अधिकारी एसडीएम ने मंदिर में विवाह आयोजन की अनुमति दी थी। उसके बाद से यहां पर आयोजन प्रतिबंधित कर दिए गए थे। अधिकारियों का कहना है कि मंदिर प्रांगण में हर दिन भजन-कीर्तन व आरती की स्वरलहरियां गूंजने से वातावरण भक्तिमय बनता है। मंदिर में धार्मिक कार्यों के अतिरिक्त अन्य आयोजन नहीं होंगे। हालांकि अभी मंदिर बेहद अव्यवस्थाओं से गुजर रहा है और जगह-जगह गंदगी पड़ी हुई है।
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