
इन्दौर (Indore)। मंडलेश्वर स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (water treatment plant) से नर्मदा के पानी में क्लोरीन की मात्रा मिलाकर उसे इन्दौर में टंकियों (tanks in indore) के लिए सप्लाय किया जाता था, लेकिन अब इस व्यवस्था में बदलाव किया जा रहा है और इन्दौर में ही बिजलपुर क्षेत्र में खाली पड़ी जमीन पर नया आटोमैटिक क्लोरीन प्लांट (New Automatic Chlorine Plant) बनाने की तैयारी चल रही है। इस पर 87 लाख रुपये की लागत आएगी और निगम को हर वर्ष बड़ी मात्रा में क्लोरीन खरीदने की झंझट से भी मुक्ति मिलेगी।
नर्मदा का पानी बड़े पैमाने पर शहर में सप्लाय किया जाता है। वर्तमान में 450 एमएलडी से ज्यादा पानी शहर की 90 से ज्यादा टंकियों में भेजा जाता है और इस दौरान मंडलेश्वर स्थित पंप हाउस से ही निर्धारित मात्रा में आवश्यकता पडऩे पर क्लोरीन पानी में मिलाया जाता है, ताकि पानी साफ और स्वच्छ रहे। जलूद में इसके लिए कई कर्मचारियों की अलग से ड्यूटी लगाई गई है और इसके लिए प्रतिवर्ष इन्दौर नगर निगम द्वारा टेंडर जारी कर बड़ी मात्रा में क्लोरीन खरीदा जाता है। नर्मदा प्रोजेक्ट द्वारा पिछले दिनों बिजलपुर में अत्याधुनिक कंटोल रूम बनाया गया है, जहां से पानी की मानिटरिंग भी की जाती है और अब वहां खाली पड़ी जमीन पर आटोमैटिक क्लोरीन प्लांट बनाने की तैयारी चल रही है।
नर्मदा प्रोजेक्ट के कार्यपालन यंत्री संजीव श्रीवास्तव के मुताबिक इसके लिए कल टेंडर जारी किए गए हैं और 87 लाख रुपये की लागत से यह प्लांट तीन माह में बनकर तैयार होगा। इस प्लांट के बनने से निगम को यह फायदा होगा कि क्लोरीन मिलाने की झंझट खत्म होगी और प्लांट में आटोमैटिक तरीके से क्लोरीन मात्रा के अनुसार पानी में मिलाया जाएगा। अब तक मंडलेश्वर स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से क्लोरीन मिलाकर पानी इन्दौर सप्लाय किया जाता रहा है।
सुधार कार्य पूरा, रात 3 बजे टंकियां भरना शुरू, कई खाली रहीं
कल महू वेटरनरी कालेज में नर्मदा की प्रथम और द्वितीय चरण की मेन सप्लाय लाइन में लिकेज होने के कारण सुधार कार्य शुरू किया गया था, जो रात 8 बजे तक चलता रहा। उसके बाद पंप चालू किए गए तो रात 3 बजे इन्दौर में पानी पहुंचा। इसके लिए पांच से सात टंकियां नहीं भर पाईं और कई टंकियां भी आधी-अधूरी भर पाईं, जिसके चलते आज भी कई क्षेत्रों में जलसंकट की स्थिति बनी रही। नर्मदा प्रोजेक्ट के अफसरों का दावा है कि कल से जलापूर्ति सामान्य हो जाएगी।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved