
डेस्क: बीजेपी (BJP) शासित राज्य हरियाणा (Haryana) में लाखों मध्यमवर्गीय और गरीब परिवारों (Poor Families) के सामने संकट खड़ा हो गया है. हरियाणा में आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Scheme) के तहत कार्डधारकों (Cardholders) को मिलने वाली मुफ्त स्वास्थ्य सेवाओं (Free Health Services) पर संकट मंडरा रहा है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (Indian Medical Association) ने ऐलान किया है कि अगर सरकार ने 7 अगस्त तक निजी अस्पतालों के बकाया भुगतान नहीं किए, तो इस तारीख के बाद आयुष्मान कार्ड धारकों का इलाज निजी अस्पतालों में बंद कर दिया जाएगा.
बता दें कि हरियाणा में आयुष्मान भारत योजना लाखों गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए वरदान साबित हुई है. इस योजना के तहत कार्डधारकों को निजी और सरकारी अस्पतालों में 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलता है. लेकिन अब इस योजना पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के हरियाणा इकाई ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने निजी अस्पतालों के 500 करोड़ रुपये के बकाया भुगतान को 7 अगस्त तक पूरा नहीं किया, तो वे इस योजना के तहत सेवाएं देना बंद कर देंगे.
IMA हरियाणा के सचिव डॉ. कुलदीप मंगला का कहना है कि जनवरी में सरकार के साथ हमारी बैठक के बाद कुछ भुगतान जारी किए गए थे लेकिन मार्च से कुछ भी नहीं आया है. 500 करोड़ रुपये अभी भी लंबित हैं बिना भुगतान के अस्पताल कैसे काम जारी रख सकता है. हरियाणा में लगभग 650 निजी अस्पताल इस योजना के तहत पैनल में शामिल हैं, जो राज्य के 5 लाख से अधिक आयुष्मान कार्ड धारकों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करते हैं. लेकिन बकाया भुगतान की समस्या के चलते अस्पताल अब इस योजना से कदम पीछे खींच रहे हैं. इस फैसले से लाखों गरीब मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. खासकर उन मरीजों को, जिन्हें गंभीर बीमारियों जैसे कैंसर, हृदय रोग, और किडनी संबंधी समस्याओं का इलाज निजी अस्पतालों में करवाना पड़ता है.
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