
नई दिल्ली । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह(Defence Minister Rajnath Singh) ने हाल ही में कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर(Operation Sindoor) जारी है। इस बीच सरकार(Government) ने भारतीय सेना(Indian Army) को ऐसी ताकत दी है जो पाकिस्तान के माथे पर पसीना ला सकता है। रक्षा मंत्रालय ने तीनों सेनाओं (थल सेना, वायुसेना और नौसेना)को लगभग 40,000 करोड़ रुपये की आपातकालीन रक्षा खरीद की मंजूरी दी है। यह फैसला रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई Defence Acquisitions Council (DAC) की बैठक में लिया गया। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देना बंद नहीं करता तो वर्तमान युद्धविराम केवल एक रणनीतिक विराम ही रहेगा।
नए अधिकार के तहत तीनों सेनाएं अपनी जरूरत के अनुसार तेजी से खरीददारी कर सकती है। प्रत्येक अनुबंध की अधिकतम सीमा 300 करोड़ रखी गई है। इनमें मिसाइलें और लंबी दूरी के हथियार, स्पाइस-2000 और स्कैल्प जैसे प्रिसिशन-गाइडेड बम, लूटरिंग म्यूनिशन और कामिकाजे ड्रोन (Harop, Harpy), एंटी-ड्रोन सिस्टम, बैराक-8 और स्वदेशी आकाश मिसाइल सिस्टम जैसे एयर डिफेंस हथियार के साथ-साथ स्मार्ट गोले जैसे एक्सकैलिबर आर्टिलरी शेल्स शामिल हैं।
आपको बता दें कि 40 दिनों में अनुबंध का निष्पादन और 1 वर्ष के भीतर डिलीवरी पूरी करनी होगी। तीनों सेनाओं के उप प्रमुखों को यह अधिकार सौंपा गया है।
सभी खरीद वित्तीय सलाहकारों की सहमति से की जाएगी। आयात की स्थिति में विशेष अनुमति लेनी होगी। फंडिंग में राजस्व और पूंजीगत खर्च दोनों में अधिकतम 15% की सीमा तय की गई है।
इससे पहले भी दिए गए थे अधिकार
EP-1 से EP-4: पूर्वी लद्दाख में चीन से सैन्य टकराव के दौरान स्वीकृत किए गए।
EP-5: आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए।
EP-6: वर्तमान परिप्रेक्ष्य में पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव और चार दिन (7-10 मई) की तीव्र झड़पों को देखते हुए।
आपको बता दें कि 7 से 10 मई तक चली कार्रवाई में भारतीय वायुसेना ने BrahMos, Rampage, Crystal Maze-2, Spice-2000, Scalp और Hammer जैसे हथियारों का व्यापक उपयोग किया। सेना ने SkyStriker loitering munitions, Excalibur shells और अन्य हथियारों से सटीक हमले किए। IAF ने इजरायली ‘कामिकाजे ड्रोन’ का भी इस्तेमाल किया, जिसने दुश्मन के ठिकानों को भेदने में अहम भूमिका निभाई।
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