
नई दिल्ली । बलूचिस्तान (Balochistan) लंबे समय से आजादी की मांग (Demand for freedom) कर रहा है। बलूच अमेरिकी कांग्रेस के अध्यक्ष तारा चंद (President Tara Chand) ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) से ‘स्वतंत्र बलूचिस्तान आंदोलन’ को पर्याप्त समर्थन देने का आग्रह किया है। उन्होंने पीएम मोदी को पत्र भी लिखा है, जिसमें बलूच लोगों के खिलाफ दशकों से हो रहे अत्याचारों, जिसमें जबरन गायब करना, यातना देना और नरसंहार आदि के लिए पाकिस्तान की निंदा की है। उन्होंने कहा है कि आजाद बलूचिस्तान भारत के लिए वरदान होगा।
चंद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”मैंने प्रधानमंत्री मोदी को एक पत्र लिखा है… स्वतंत्र बलूचिस्तान के लिए सार्थक समर्थन देने का आग्रह किया है। बलूच लोग पाकिस्तान के शासन में उत्पीड़न और नरसंहार का सामना कर रहे हैं। एक स्वतंत्र बलूचिस्तान शांतिप्रिय भारत के लिए एक वरदान होगा। न्याय के लिए हमारे साथ खड़े हों।”
उन्होंने यह अपील बलूच अमेरिकी कांग्रेस की ओर से भेजे गए दो औपचारिक पत्रों के माध्यम से सीधे दिल्ली में प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजी है। अपने पत्र में, चंद ने बलूचिस्तान मुद्दे पर भारतीय नेतृत्व के पहले ध्यान देने की सराहना की, विशेष रूप से लाल किले के भाषण के दौरान पीएम मोदी की टिप्पणियों का उल्लेख किया, जिसे वे नैतिक समर्थन के प्रदर्शन के रूप में देखते हैं जिसने वैश्विक स्तर पर उत्पीड़ित बलूच आबादी के बीच आशा को प्रेरित किया।
डॉ. चंद ने कहा, “आपके लाल किले के संबोधन में बलूचिस्तान का उल्लेख दुनिया भर के बलूच लोगों द्वारा एक ऐसे राष्ट्र के लिए नैतिक समर्थन के संकेत के रूप में स्वीकार किया गया, जिस पर पाकिस्तान ने कब्जा कर लिया है, उसे अपने अधीन कर लिया है और उसे आतंकित कर दिया है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि बलूच लोगों को रावलपिंडी जीएचक्यू में पाकिस्तान के प्रमुख सैन्य प्रतिष्ठान द्वारा समर्थित ‘जिहादी सेना’ द्वारा किए गए नरसंहार जैसे कृत्यों का सामना करना पड़ा है।
I have written a letter to Prime Minister Modi which is attached in the tweet. 📢 Urging @narendramodi to lend meaningful support for a free #Balochistan! The Baloch people face oppression and genocide under Pakistan's regime. A free Balochistan would be a blessing for… pic.twitter.com/UnNJJk1dRd
— Dr. Tara Chand (@drtchand) May 23, 2025
उन्होंने जोर देकर कहा कि ये कार्रवाई बलूच राष्ट्रीय मुक्ति आंदोलन को दबाने के एक बड़े अभियान का हिस्सा है, जो कई दशकों से चल रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि बलूचिस्तान में औपनिवेशिक ताकत के रूप में चीन की भागीदारी एक अतिरिक्त भू-राजनीतिक खतरा पेश करती है। चंद ने सिंधु जल संधि को निलंबित करने के प्रधानमंत्री मोदी के फैसले की भी सराहना की और इसे एक साहसी कदम बताया जो पाकिस्तान को एक शक्तिशाली संदेश देता है। पत्र में कहा गया है, “मैं सिंधु जल संधि को स्थगित रखने और पाकिस्तान के जिहादी जनरलों को यह स्पष्ट करने के आपके चतुर निर्णय की सराहना करता हूं कि खून और पानी एक साथ नहीं रह सकते।”
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