
इंदौर। प्राधिकरण ने जहां अहिल्या पथ के लिए घोषित आधा दर्जन योजनाओं में अभिन्यास मंजूरी रुकवा रखी है तो उसके बाद अभी पिछले दिनों हुई बोर्ड बैठक में तीन और नई टीपीएस योजनाओं के लिए भी नगर तथा ग्राम निवेश को पत्र लिखा है कि इसमें शामिल की जा रही जमीनों पर अभिन्यास की मंजूरी नहीं दी जाए। ये योजनाएं धार, खंडवा रोड पर प्रस्तावित की गई है, जो आवासीय के साथ-साथ वाणिज्यिक मंडी, थोक बाजार और नई सडक़ों के लिए अमल में लाई जाएगी। बोर्ड संकल्प के आधार पर टीपीएस-11, 12 और टीपीएस-13 के प्रस्ताव भी तैयार कर शासन को मंजूरी के लिए भेजे जा रहे हैं। नावदापंथ, निहालपुरमुंडी और कनाडिय़ा क्षेत्र में ये नई योजनाएं घोषित की गई हैं।
पिछले साल प्राधिकरण ने 15 किलोमीटर लम्बे और 75 मीटर चौड़े अहिल्या पथ के लिए आधा दर्जन टीपीएस योजनाएं घोषित की थी, जिसे शासन ने मंजूरी नहीं दी और यह निर्देश दिए कि दूसरी तरफ के हिस्से की जमीनें भी योजना में शामिल की जाए। मगर इसमें समस्या यह है कि इन जमीनों का उपयोग फिलहाल मास्टर प्लान में कृषि है, जिस पर प्राधिकरण आवासीय योजना घोषित नहीं कर सकता। लगभग 3 हजार एकड़ जमीन फिलहाल अधर में पड़ी है और उस पर नगर तथा ग्राम निवेश अभिन्यास भी मंजूर नहीं कर रहा है। हालांकि कुछ जमीन मालिकों ने अदालत का दरवाजा भी खटखटाया है।
ये जमीनें नैनोद, रीजलाय, जम्बूर्डीहब्सी, पालाखेड़ी क्षेत्रों में है। हालांकि लगभग 100 एकड़ जमीन पर नगर तथा ग्राम निवेश योजना लागू करने के पूर्व अभिन्यास मंजूर कर चुका है और इन जमीनों को भी प्राधिकरण ने योजना में शामिल कर लिया, उसको लेकर भी कोर्ट-कचहरी शुरू हो गई है। दूसरी तरफ पिछली बोर्ड बैठक में तीन और नई टीपीएस योजनाओं 11, 12 और 13 को भी लैंड पुलिंग एक्ट के तहत लागू करने का प्रस्ताव मंजूर किया। ये योजनाएं धार और खंडवा रोड क्षेत्र में लाई जा रही है, जिनका उद्देश्य आवासीय के साथ-साथ वाणिज्यिक मंडी, थोक बाजार और मास्टर प्लान की नई सडक़ों के निर्माण का है। इसमें टीपीएस-11 नावदा पंथ में लाई जा रही है, जिसमें आवासीय के साथ थोक, वाणिज्यिक मंडी और मार्ग का प्रस्तावित भू-उपयोग निर्धारित है। इसी तरह टीपीएस-12 निहालपुरमुंडी की जमीनों पर लाई जाएगी, जिसका आवासी और मार्ग दर्शाया गया है।
इसी टीपीएस-13 कनाडिय़ा रोड पर प्रस्तावित की गई है, जो कि आवासीय योजना रहेगी और उसके साथ सडक़ों का निर्माण किया जाएगा। अभी पिछली 8 अगस्त की बोर्ड बैठक में संकल्प की पुष्टि भी की गई, जिसमें इन तीनों नई योजनाओं के प्रस्ताव तैयार करने और शासन को मंजूरी के लिए भेजने के अलावा संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश को इस आशय का पत्र भी भेजा गया है कि इन तीनों योजनाओं में शामिल जमीनों पर किसी अभिन्यास की मंजूरी ना दी जाए। प्राधिकरण सूत्रों के मुताबिक इन तीनों योजनाओं में छोटे आकार के आवासीय भूखंडों को विकसित किया जाएगा, ताकि निम्र और मध्यमवर्गीय परिवारों को ये भूखंड मिल सकें। फिलहाल प्राधिकरण की प्रचलित योजनाओं में छोटे भूखंड नहीं बचे हैं और अत्यंत महंगे भी हो गए हैं। वहीं अहिल्या पथ योजना अभी अधर में ही लटकी है। दूसरी तरफ प्राधिकरण सुपर कॉरिडोर की अपनी पुरानी योजनाओं के अलावा अन्य टीपीएस योजनाएं भी विकसित कर रहा है। उनमें भी हालांकि छोटे-बड़े आवासीय, वाणिज्यिक भूखंड विकसित होंगे। इनमें टीपीएस-1, टीपीएस-3, 4-5 के अलावा टीपीएस-8, 9 और 10 शामिल है। इन 7 टीपीएस योजनाओं में भी 1176 हेक्टेयर जमीनें शामिल है और इनके भी अभिन्यास की मंजूरी इसी तरह पूर्व में रूकवाई गई थी। इन योजनाओं में 45 किलोमीटर लम्बाई की मास्टर प्लान की सडक़ें भी निर्मित की जा रही है।
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