
नई दिल्ली। बांग्लादेश (Bangladesh) खुद को ईस्ट पाकिस्तान (East Pakistan) के तौर पर देख रहा है और इस्लामिक मुल्क से जुड़ी अपनी पुरानी जड़ों को तलाश रहा है। विदेश नीति और विशेषकर दक्षिण एशिया मामलों (South Asia Affairs) के जानकार सुशांत सरीन (Sushant Sarin) ने यह बात कही है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश फिलहाल अपनी पाकिस्तानी जड़ों को फिर से तलाश रहा है। वहां पर कोई वैध सत्ता नहीं है, जिसके पास पावर है, वह पाकिस्तान की जेब में है। फिलहाल बांग्लादेश की सत्ता में बैठे लोग खुद को ईस्ट पाकिस्तान मानकर चल रहे हैं, उस दौर की जड़ों को तलाश रहे हैं। हालात ऐसे हैं कि पाकिस्तान की ओर से आदेश दिए जा रहे हैं कि बांग्लादेश को क्या करना चाहिए और क्या नहीं।
उन्होंने कहा कि 1971 के बाद पहली बार ऐसा हो रहा है कि बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच डिफेंस डील हो रही है। पाकिस्तानी सत्ता से जुड़े लोग बांग्लादेश के सरकारी दफ्तरों में बैठे हैं और उन्हें आदेश दे रहे हैं कि क्या किया जाए। हालात ऐसे हैं कि कभी भी पाकिस्तानी सैनिक भी बांग्लादेश पहुंच सकते हैं। डिफेंस डील के तहत ऐसा हो सकता है और पाकिस्तान चाहता है कि बांग्लादेश को भारत के खिलाफ खड़ा कर दिया जाए। भारत को बांग्लादेश को लेकर अपनी नीति पर फिर से विचार करना होगा।
सुशांत सरीन ने कहा कि बांग्लादेश के बारे में भारत जो भी कदम उठाता है, उसके मायने हैं और रणनीतिक महत्व होता है। लेकिन मैं कई बार सोचता हूं कि भारत जिस तरह से शांत है, वह रणनीतिक सावधानी है या फिर पैरालाइसिस है। हमें कुछ चीजें करने की जरूरत है, जो भारत के लिए भविष्य में एक सीख बनें। इसके अलावा भारत के पड़ोसी देशों और दुनिया भर को भी एक संदेश जाए। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में जो कुछ हो रहा है, वह सामान्य नहीं है। भीषण हिंसा होती है और हिंदू समुदाय के एक युवक को टांगकर जला दिया जाता है। ये ऐसी चीजें हैं, जो बता रही हैं कि बांग्लादेश की क्या स्थिति है और वहां क्या हो सकता है।
पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच कभी भी हो सकती है डिफेंस डील
बता दें कि बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच रिश्ते तेजी से मजबूत हो रहे हैं। बांग्लादेश की सत्ता पर काबिज मोहम्मद यूनुस के दौर में पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी लगातार दौरे कर रहे हैं। इसके अलावा डिफेंस डील भी की जा रही है। पहली बार पाकिस्तानी जहाज बांग्लादेश के बंदरगाहों पर पहुंचे हैं। ऐसी स्थिति भारत के लिए चिंताजनक है और अलर्ट करने वाली है। यहां तक कि 1971 की जंग को लेकर भी पहली बार बांग्लादेश ने सवाल उठाए हैं और कहा कि हमारी मदद के चलते ही पाकिस्तान पर भारत ने जीत हासिल की थी।
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