
- 1 हजार से ज्यादा अधिकारी कर्मचारियों का राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन-दो दिनी हड़ताल शुरु
- निजीकरण के विरोध में आज और कल सरकारी बैंकों की 70 शाखाओं में काम रहेगा बंद
उज्जैन। केंद्र सरकार की बैंकों के निजीकरण एवं बैंकिंग लॉ एंड रेगुलेशन एक्ट में परिवर्तन करने के विरोध में आज पूरे देश सहित शहर की 70 सरकारी बैंक शाखाओं में हड़ताल के कारण ताले लगे रहे। दो दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल आज से शुरु हुई है और कल भी जारी रहेगी। बैंकों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल को लेकर आंदोलन का नेतृत्व कर रहे पदाधिकारियों ने बताया कि आज 16 तथा कल 17 दिसंबर को बैंकों की राष्ट्रव्यापि हड़ताल उपरोक्त माँगों को लेकर की जा रही है। इसमें पूरे देश के 10 लाख के लगभग अधिकारी-कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे। इनमें से उज्जैन शहर की सरकारी बैंकों की 70 शाखाओं में काम करने वाले 1 हजार से अधिक अधिकारी-कर्मचारी भी हड़ताल में शामिल हैं। यू.एस. छाबड़ा ने बताया कि सार्वजनिक बैंक केवल कर्मचारियों के हित में है लेकिन आम आदमी का हित भी उनसे जुड़ा हुआ है।
1969 के राष्ट्रीयकरण के उपरांत बैंकों ने चौमुखी विकास किया है और देश के आर्थिक विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यही कारण है कि बैंकों के निजीकरण के विरोध में आज स्थानीय स्तर पर भी सार्वजनिक बैंकों में हड़ताल रखी गई है। हड़ताल को सफल बनाने के लिए आज सुबह विशाल रैली का आयोजन किया गया जो फ्रीगंज घंटाघर से आरंभ हुई तथा शहीद पार्क, मुंगी चौराहा होते हुए वापस घंटाघर पहुँची जहाँ हड़ताल में शामिल बैंक यूनियन्स के पदाधिकारियों ने बैंकों के निजीकरण का विरोध किया तथा काफी देर तक बैंककर्मी प्रदर्शन करते रहे। कल भी राष्ट्रव्यापी हड़ताल रखी गई है। इधर आज से शुरु हुई बैंकों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के कारण बैंक उपभोक्ताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ा। बैंकों में हड़ताल के कारण सुबह से ही एटीएम सेंटरों पर लोगों की भीड़ दिखने लगी थी। बैंकों की दो दिन की हड़ताल से उज्जैन शहर में ही लगभग करोड़ों का लेन-देन प्रभावित होगा।