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धर्मेंद्र के लिए असंभव था एक्टर बनना, फिर बदली किस्मत और बन गए सुपरस्टार

November 25, 2025

मुंबई। बॉलीवुड के लीजेंडरी एक्टर धर्मेंद्र (Dharmendra) अब इस दुनिया में नहीं रहे। बढ़ती उम्र के चलते होने वाली तकलीफों के चलते धर्मेंद्र ने 24 नवंबर 2025 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया। धर्मेंद्र (Dharmendra) को आजादी के बाद बॉलीवुड के सबसे पहले सुपरस्टार्स में गिना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक आम पंजाबी से सुपरस्टार (punjabi se superstar) बनने तक का धर्मेंद्र का यह सफर आसान नहीं था। तो चलिए जानते हैं उनके स्ट्रगल की कहानी जो आपके होश उड़ा देगी।

असंभव लगता था एक्टिंग का सपना
धर्मेंद्र का जन्म लुधियाना के साणेवाल कस्बे में एक साधारण परिवार में हुआ था। उन्होंने बचपन में बहुत गरीबी देखी। घर का खर्चा, स्कूल की फीस और खेती-बाड़ी जैसी चीजों का दबाव उन पर शुरू से ही रहा। उन्हें बचपन से ही फिल्में देखना पसंद था, लेकिन एक्टर बन पाना तब की उनकी जिंदगी के हिसाब से एक ‘असंभव’ सा लगने वाला सपना था।

धर्मेंद्र की एक्टिंग के लिए शुरुआत
लेकिन कहते हैं ‘जहां चाह, वहां राह’… यही सोच लिए धर्मेंद्र ने अपना पहला कदम बढ़ाया और उनका फिल्मफेयर टैलेंट हंट में सिलेक्शन हो गया। बिना किसी जान-पहचान या कनेक्शन के मुंबई पहंचे धर्मेंद्र के पास शुरूआती सालों में खाने तक के पैसे नहीं थे। ऑडिशन देने से लेकर रहने तक की मुश्किलों का हल उन्हें अकेले ही करना था।



हफ्तों खाए धक्के, मिला यही जवाब
चेहरे पर एक भोली सी मुस्कान लिए धर्मेंद्र ने दर्जनों प्रोडक्शन हाउसेज के दरवाजे खटखटाए लेकिन हमेशा एक ही जवाब मिलता- कॉल करेंगे। और वो कॉल कभी नहीं आता। उस दौर में फोन होना भी एक बहुत बड़ी उपलब्धि थी। हर जवाब पाने के लिए पैदल उस दरवाजे तक पहुंचना ही एक हल था। बसों में धक्के खाकर तो कभी पैदल ही मुलाकात के लिए जाना पड़ता।

भूखे-प्यासे रहकर बिगाड़ ली सेहत
धर्मेंद्र पैसे बचाने के लिए पैदल ही एक ऑफिस से दूसरे ऑफिस जाते और दिन भर में मीलों चलने के बाद भी सिर्फ ईसबगोल खाकर पेट भरते, ताकि भूख ना लगे। लेकिन इस चक्कर में उन्होंने शरीर को जरूरी पोषण ना देकर एक बार अपनी तबीयत बहुत खराब कर ली थी।

खुद शीशे में देखकर सीखी एक्टिंग
जब शुरू में थोड़ा अटेंशन मिलना शुरू भी हुआ तो उनके लुक्स के चलते। मेकर्स ने कहा कि धर्मेंद्र दिखने में तो हीरो लगते हैं, लेकिन उन्हें एक्टिंग नहीं आती है। यहीं से शुरू हुई उनकी दूसरी चुनौती। धर्मेंद्र ने शीशे के सामने बैठकर खुद ही प्रैक्टिस करना शुरू कर दिया और तब तक अपने आप को तराशते रहे, तक तक पहला रोल नहीं मिल गया।

बुरी तर फ्लॉप हुई पहली ही फिल्म
साल 1960 में ‘दिल भी तेरा हम भी तेरे’ में पहला रोल मिला लेकिन फिल्म बुरी तरह पिटी। कई डायरेक्टर्स ने कह दिया कि स्टारडम तो भूल जाओ। धर्मेंद्र ने लेकिन हार नहीं मानी, और छोटे-छोटे साइड रोल करके इंडस्ट्री में टिके रहे।

धर्मेंद्र को सताया करता था यह डर
धर्मेंद्र भले ही कद-काठी से बहुत मजबूत और रौबदार आवाज वाले थे, लेकिन उनका दिल किसी बच्चे सा था। कई इंटरव्यूज में धर्मेंद्र ने कहा, “मैं अकेला था। डरता था। मुझे पता नहीं था कि कल खाना भी मिलेगा या नहीं।” लेकिन खुद स्टंट करके, कई बार चोटें लगाकर, लगातार कोशिश करके धर्मेंद्र ने धीरे-धीरे बॉलीवुड में वो सफलता पाई जिसके चलते बॉलीवुड कभी उनका नाम नहीं भुला सकेगा।

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