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पहली बार इन्दौर में बियर वाइन कैफे खुलेंगे

February 17, 2025

  • नई आबकारी नीति में किया है प्रावधान,
  • इंदौर की 173 दुकानों के लिए 1800 करोड़ रुपए तक के राजस्व का मिला लक्ष्य
  • 20 फीसदी में आगामी वित्त वर्ष के लिए मिलेगी अनुमति

इंदौर। शासन (Government) द्वारा पिछले दिनों मंजूर की गई नई आबकारी नीति (Excise Policy) के तहत अब आगामी वित्त वर्ष के लिए देसी-विदेशी (Desi-Foreign) शराब दुकानों (Liquor stores) की नीलामी की प्रक्रिया आज से शुरू की जा रही है। अभी वर्तमान ठेकेदारों को 20 प्रतिशत अधिक राजस्व देने पर नवीनीकरण का लाभ मिलेगा। यानी वे आगामी वर्ष के लिए भी इन दुकानों का संचालन कर सकेंगे। नवीनीकरण में अगर सभी दुकानों की नीलामी नहीं हुई या 80 फीसदी तक राजस्व वृद्धि नहीं मिली तो फिर ई-टेंडर के जरिए ये दुकानें बेची जाएंगी।


सहायक आबकारी आयुक्त मनीष खरे के मुताबिक नई नीति के तहत आज से नवीनीकरण के आवेदन किए जा सकेंगे और जमा करने की तिथि 21 फरवरी शाम 6 बजे तक रहेगी। नवीनीकरण या लॉटरी आवेदन जो मिलेंगे उन पर 27 फरवरी तक कार्रवाई पूर्ण कर ली जाएगी। नवीनीकरण पश्चात बची दुकानों का निष्पादन ई-टेंडर के जरिए शुरू किया जाएगा, जिसकी प्रक्रिया 4 मार्च से शुरू होगी। इंदौर जिले में जो 173 देसी-विदेशी शराब की दुकानें हैं उनका इस बार आरक्षित मूल्य लगभग 1800 करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा, क्योंकि गत वर्ष 1509 करोड़ रुपए हासिल हुए थे। नई आबकारी नीति में बियर वाइन और रेडी टू ड्रिंक के कैफे भी खुल सकेंगे। दरअसल, जिन 17 पवित्र शहरों सहित 19 जगहों पर मोहन सरकार ने शराब पर प्रतिबंध आगामी वित्त वर्ष से लगाया है, जिसकी प्रतिपूर्ति इंदौर सहित बड़े जिलों से की जाएगी, क्योंकि इससे शासन को 400 करोड़ रुपए से अधिक का घाटा उठाना पड़ेगा। प्रतिबंध के चलते कुल 47 दुकानें बंद हो रही है। अभी प्रदेश में 470 बियर बारों को लाइसेंस दिए गए हैं। मगर अब नई पॉलिसी में जो कैफे खुलेंगे उससे इनकी संख्या बढ़ जाएगी, जहां पर अधिकतम 10 फीसदी वी/वी अल्कोहल रहेगा। इस तरह के कैफे में हार्ड लीकर यानी व्हिस्की सहित अन्य तरह की शराब परोसने और रखने की अनुमति नहीं रहेगी। दरअसल, ये लो एल्कोहॉलिक बेवरेज बार के रूप में खोले जाएंगे। दरअसल, जब प्रदेश में शराब दुकानों के साथ अहाते खोले गए थे तब इस तरह के कई बियर बार बंद कर दिए थे, जहां सिर्फ बियर या लो एल्कोहल बेवरेज को ही बेचने की अनुमति दी जाती थी। पंजीयन विभाग के बाद प्रदेश सरकार को सबसे ज्यादा आय आबकारी विभाग से ही होती है। इस साल 15 हजार करोड़ रुपए से अधिक के राजस्व को हासिल करने का अनुमान लगाया गया है और आज से इंदौर सहित प्रदेशभर के 3600 शराब दुकानों की नीलामी की प्रक्रिया विभाग ने शुरू की है।

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