नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam terror attack) के बाद भारत के साथ लगातार बढ़ते तनाव और सीमा पर बढ़ती हुई चौकसी के बीच पाकिस्तान (Pakistan) पर अंदरूनी दबाव और घबराहट साफ दिखने लगी थी। पिछले कुछ समय से आतंकवाद समर्थित देश पाकिस्तान को दिन-रात यह डर सता रहा था कि कहीं भारत किसी निर्णायक कदम की ओर न बढ़ जाए। ऐसे माहौल में ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराकची की प्रस्तावित पाकिस्तान यात्रा को वहां की सरकार राहत की सांस के तौर पर देख रहे हैं। पाकिस्तानी नेता शांति की दुहाए दे रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, अराकची पहले पाकिस्तान फिर भारत का दौरा कर सकते हैं। उनके सोमवार को पाकिस्तान पहुंचने की उम्मीद है।
पाकिस्तान नेशनल असेंबली की स्थायी रक्षा समिति के चेयरमैन सरदार फतेह उल्लाह खान मियांखेल ने ईरानी न्यूज एजेंसी IRNA से बात करते हुए कहा कि पाकिस्तान, ईरान की शांति बहाली की कोशिशों का दिल से स्वागत करता है और भारत से मतभेदों को सुलझाने में तेहरान की मदद को अहम मानता है।
पाकिस्तान को ईरान से क्या उम्मीदें
अराकची का पाकिस्तान दौरा केवल प्रतीकात्मक नहीं बल्कि कूटनीतिक स्तर पर बड़ा कदम माना जा रहा है। इस दौरान ईरान और पाकिस्तान के अधिकारियों के बीच भारत से बढ़ते तनाव, अफगानिस्तान की स्थिति और क्षेत्रीय स्थिरता जैसे अहम मुद्दों पर बातचीत की उम्मीद है। पाकिस्तान ने संकेत दिए हैं कि बातचीत केवल कूटनीति तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि ईरान-पाकिस्तान गैस पाइपलाइन, सीमावर्ती विकास और आर्थिक साझेदारी जैसे मुद्दों पर भी ठोस चर्चा हो सकती है।
इस पूरे घटनाक्रम को भारत कड़ी नजर से देख रहा है, क्योंकि ईरान की भूमिका एक ‘बाहरी मध्यस्थ’ के रूप में उभर रही है, जो भारत-पाक तनाव के समीकरणों को किसी भी दिशा में मोड़ सकती है।
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