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कनाड़ा में G-7 समिट से पहले PM मोदी के खिलाफ सड़कों पर उतरे खालिस्तानी, किया प्रदर्शन

June 17, 2025

ओटावा। कनाडा (Canada) के अल्बर्टा प्रांत (Alberta province) में आयोजित जी7 शिखर सम्मेलन (G7 summit) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की भागीदारी से पहले, कैलगरी में सैकड़ों खालिस्तानी चरमपंथियों (Khalistani extremists) ने विरोध प्रदर्शन किया। ये प्रदर्शनकारी पीएम मोदी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए और खालिस्तान समर्थक झंडे लहराते हुए सड़कों पर उतरे। यह प्रदर्शन ऐसे समय में हो रहे हैं जब प्रधानमंत्री मोदी साइप्रस की अपनी यात्रा संपन्न करने के बाद सोमवार को जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए कनाडा पहुंचे हैं।


कहां हुआ प्रोटेस्ट
16 जून को, कैलगरी के दशमेश गुरुद्वारा से शुरू हुए एक बड़े काफिले ने शहर की सड़कों पर मार्च किया। प्रदर्शनकारियों ने पीएम मोदी के खिलाफ नारे लगाए और उनके पुतले को जेल जैसे ढांचे में बंद दिखाया। कुछ पोस्टरों में मोदी को हथकड़ी में कैद और “वांटेड” के रूप में दर्शाया गया, जिसमें दावा किया गया कि वे ‘कनाडाई नागरिक’ हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए जिम्मेदार हैं।

इन प्रदर्शनों का आयोजन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) नामक खालिस्तानी समूह ने किया था, जो पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारों का खुलेआम महिमामंडन करता है। यह खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा स्थापित एक अमेरिकी संगठन है। पन्नू ने एक वीडियो संदेश में कहा, “हम जी7 शिखर सम्मेलन में मोदी की राजनीति को खत्म करने के लिए तैयार हैं।” सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में कुछ प्रदर्शनकारियों को भारत और हिंदुओं के खिलाफ अपमानजनक भाषा का उपयोग करते और खालिस्तान समर्थक नारे लगाते देखा गया।

कनाडा सरकार और सुरक्षा व्यवस्था
कनाडा के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी (Prime Minister Mark Carney) ने जी7 शिखर सम्मेलन में भारत की बढ़ती आर्थिक शक्ति को देखते हुए पीएम मोदी को आमंत्रित किया था। हालांकि, इस निमंत्रण पर कनाडा के कुछ सांसदों और न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) ने आपत्ति जताई। सुरक्षा के लिए कैलगरी और कनानास्किस में नो-फ्लाई जोन लागू किया गया है, और रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी), प्रांतीय पुलिस, प्रथम राष्ट्र और कनाडाई सशस्त्र बलों द्वारा व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की गई है।

हालांकि, प्रदर्शनकारियों के खुले तौर पर धमकी भरे नारों और हिंसक बयानबाजी पर कनाडा सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। कुछ प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि वे अगले 48 घंटों तक जी7 शिखर सम्मेलन में लाइव-स्ट्रीम के माध्यम से विरोध प्रदर्शन करेंगे।

भारत की प्रतिक्रिया
भारत सरकार ने इन प्रदर्शनों की कड़ी निंदा की है। पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने इसे “अस्वीकार्य” करार देते हुए कहा, “मोदी की राजनीति को खत्म करने का नारा वास्तव में उनकी हत्या की धमकी है, जिसे ‘राजनीति’ शब्द जोड़कर छिपाने की कोशिश की गई है। यह नारा पूरी तरह से बेतुका है।” उन्होंने कनाडा सरकार से खालिस्तानी चरमपंथियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने प्रदर्शनकारियों को “किराए के टट्टू” करार देते हुए कहा कि ये विरोध प्रदर्शन पड़ोसी देश (पाकिस्तान) से फंडिंग के जरिए हो रहे हैं। दिल्ली के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बच्चों को इन प्रदर्शनों में शामिल करने पर चिंता जताई और इसे “राजनीतिक एजेंडे के लिए बच्चों का दुरुपयोग” बताया।

भारत और कनाडा के बीच संबंध हाल के वर्षों में खालिस्तानी गतिविधियों के कारण तनावपूर्ण रहे हैं। 2023 में कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संलिप्तता का आरोप लगाया था, जिसे भारत ने “बेतुका” बताकर खारिज कर दिया। कनाडा में खालिस्तानी समर्थकों द्वारा मंदिरों पर हमले और भारतीय राजनयिकों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं भी दर्ज की गई हैं।

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