
इंदौर। देवी सरस्वती को समर्पित वसंत पंचमी 2 फरवरी को शिव एवं सिद्ध योग के शुभ संयोग में मनाई जाएगी। इस दिन पर माता सरस्वती की पूजा-अर्चना से साधक को शिक्षा के क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। हर वर्ष माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को वसंत पंचमी मनाई जाती है। इसी दिन से भारत में वसंत ऋतु का आरंभ होता है। वसंत पंचमी की पूजा सूर्योदय के बाद और दिन के मध्य भाग से पहले की जाती है।
शहर के विभिन्न मंदिरों में वसंत पंचमी को लेकर विशेष तैयारियां प्रारंभ कर दी गई हैं। मंदिर में फूल बंगला सजाया जाएगा, वहीं केसरिया भात का प्रसाद विशेष रूप से वितरित किया जाएगा। विभिन्न स्कूलों में केसरिया थिम पर आयोजन होंगे। कई मंदिरों से शोभायात्रा भी निकाली जाएगी। वसंत पंचमी प्रकृति का उत्सव भी कहा जाता है। प्रकृति ने भी फूलों का शृंगार ओढऩा शुरू कर दिया है। शहर के आसपास जंगलों, बाग-बगीचों, खेत-खलिहानों में भी प्रकृति के वासंती रंग दिखने लगे हैं। शहर के बाग विभिन्न तरह के फूलों से महक उठे हैं। ऐसे में वसंत के स्वागत के साथ ही ज्ञान की देवी मां सरस्वती का पूजन किया जाएगा।
कई समाजों में बच्चों का विद्यारंभ संस्कार भी इसी दिन किया जाता है। वसंत पंचमी स्वयंसिद्ध मुहूर्त होता है, इसलिए बिना मुहूर्त के विवाह संपन्न किए जाते हैं। वसंत पंचमी के दिन शनिदेव गोचर करने वाले हैं। 2 फरवरी को सुबह 8 बजकर 51 मिनट पर कर्मफलदाता शनि पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में गोचर करेंगे, जहां वह 2 मार्च तक विराजमान रहेंगे। वसंत पंचमी के दिन शिव योग, सिद्ध योग और साध्य योग का भी अद्भुत संयोग बन रहा है। सभी प्रकार शुभ कार्य करना श्रेष्ठ रहता है। ये अबूझ मुहूर्त माना गया है। इस दिन शादी-ब्याह संबंधित व वाहन, व्यापार, वस्त्राभूषण आदि खरीदना श्रेष्ठ रहेगा।
जीवन में नवसंचार प्रदान करने आया वसंत
आम कुंज, मंजरित आम शाखाएं, कोयल की कुहू, भंवरों का गुंजार, तितलियों की रसकेलिया, मंदर स्वास्ति बयार, पुष्पित, पल्लवित उपवन लो आ गया ऋतुराज वसंत। ऐसे में भला कौन होगा जो सुंदर-सजीले वसंत का स्वागत तहे दिल से न कर रहा हो। यह ऋतु तो जनजीवन में नवसंचार प्रदान करने वाली है। बच्चे जहां कला, विद्या और संगीत की देवी मां शारदे की पूजा-अर्चना में जुटे हैं, वहीं युवाओं में वेलेंटाइन-डे का नशा सर चढक़र बोल रहा है। बड़े बुजुर्ग तो महाकुंभ के अध्यात्म में लीन हैं।
बसंत पंचमी है श्रेष्ठ मुहूर्त
हिंदू धर्म में वसंत पंचमी त्योहार को अत्यंत शुभ माना गया है। इस दिन अबूझ मुहूर्त रहता है। कोई भी मांगलिक कार्य बिना पंडित से पूछे किया जा सकता है। यह दिन विद्या, ज्ञान और संगीत की देवी मां सरस्वती की उपासना के लिए सबसे उत्तम माना गया है।
सरस्वती धाम में अभिषेक
तुलसी नगर स्थित विद्या और ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती मंदिर में इस वर्ष वसंत पंचमी के अवसर पूजा-अर्चना, अभिषेक और हवन का आयोजन 2 फरवरी को पूर्ण वैदिक विधि-विधान से होगा। मां सरस्वती को 56 भोग भी अर्पित किए जाएंगे।
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