
कोलकाता। बंगाल विधानसभा (Bengal Assembly) में नेता प्रतिपक्ष (Leader of Opposition) और बीजेपी के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी (Senior BJP leader Shubhendu Adhikari) के खिलाफ उनके उस कथित बयान के लिए विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव (Privilege violation proposal.) पेश किया गया है, जिसमें उन्होंने बंगाल सरकार को सांप्रदायिक और आतंकवादियों की सरकार बताया था।
टीएमसी मंत्री सोवनदेब चटर्जी और कुछ अन्य टीएमसी मंत्रियों ने विधानसभा से निलंबन के बाद सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के कथित ‘अपमानजनक’ बयान के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश किया है। ये प्रस्ताव मुख्य सचेतक निर्मल घोष, मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय, मंत्री फिरहाद हकीम और अरूप बिस्वास द्वारा पेश किया गया है।
स्पीकर बिमान बंदोपाध्याय ने पुष्टि की है कि शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाया गया है. उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता ने भड़काऊ भाषण दिया है. वह सोच रहे हैं कि विधानसभा कमजोर है, लेकिन विधानसभा कमजोर नहीं है. उन्हें माफी मांगनी चाहिए। स्पीकर ने कहा, ‘यह सदन की अवमानना का मामला है.’ स्पीकर बिमान बंदोपाध्याय ने शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ प्रस्ताव स्वीकार कर लिया और आगे की कार्रवाई के लिए विशेषाधिकार समिति को भेज दिया।
BJP विधायकों ने किया प्रदर्शन
इस बीच बीजेपी विधायकों ने शुभेंदु अधिकारी और 3 अन्य बीजेपी विधायकों के निलंबन के खिलाफ विधानसभा में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस दौरान भाजपा विधायकों ने भगवा पगड़ी पहनी हुई थी और अपने हाथों में तख्तियां ली हुई थी, जिन पर हिंदू होने पर गर्व करने वाले स्लोगन लिखे थे।
बता दें कि सोमवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी और तीन अन्य बीजेपी विधायकों विधानसभा अध्यक्ष ने अगले 30 दिनों के लिए या शेष सत्र विधानसभा की कार्यवाही से निलंबित कर दिया था. निलंबन के बाद बीजेपी ने मीडिया से बात करते हुए सोमवार को कहा, “हमें गर्व है कि हिंदुओं के लिए बोलने के कारण हमें निलंबित कर दिया गया है. यह मुसलमानों की सरकार है, मुसलमानों की सरकार है, अंसारुल बांग्ला की सरकार है, कश्मीरी आतंकवादियों की सरकार है. मुस्लिम तुष्टिकरण और हिंदू विरोधी सरकार है।
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