
अमृतसर । भगवंत मान सरकार (Bhagwant Mann Government) ने अमृतसर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के 7 अधिकारियों (7 Officials of Amritsar Improvement Trust) को सस्पेंड कर दिया (Suspended) । यह कार्रवाई 52.80 करोड़ रुपये के टेंडर घोटाले से जुड़ी बताई जा रही है।
लोकल बॉडीज विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। सरकारी सूत्रों के मुताबिक यह कार्रवाई पंजाब म्यूनिसिपल नियमावली 1970 के तहत की गई है, हालांकि आदेश में सस्पेंशन के ठोस कारणों का स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया है। सस्पेंड किए गए अधिकारी संतभूषण सचदेवा – सुपरिटेंडेंट इंजीनियर, रमिंदरपाल सिंह – एक्सईएन, बिक्रम सिंह – एसएक्सईएन, सुखरिपन पाल सिंह – एसडीओ, शुभम सिंह – एसडीओ, मनप्रीत सिंह – जेई, मनदीप सिंह – जेई हैं ।
इस पूरे मामले की शुरुआत सीगल इंडिया लिमिटेड की शिकायत से हुई थी, जो सीधे मुख्य सचिव को भेजी गई थी। इसके बाद उपायुक्त ने चार सदस्यीय जांच समिति गठित की। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद लोकल बॉडीज विभाग ने कार्रवाई की। मामला रणजीत एवेन्यू ब्लॉक-सी और 97 एकड़ स्कीम के विकास कार्य से जुड़ा है।18 दिसंबर को टेंडर की फाइनेंशियल बिड खोली गई थी, जिसमें—शर्मा कॉन्ट्रैक्टर ने 1.08% कम दर देकर एच-1 बिड हासिल की। राजिंदर इंफ्रास्ट्रक्चर ने 0.25% कम बोली लगाई, लेकिन वह एच-1 नहीं बन सका। सीगल इंडिया और गणेश कार्तिकेय कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को तकनीकी खामियों और अधूरे दस्तावेजों के आधार पर पहले ही बाहर कर दिया गया था। इसी प्रक्रिया को लेकर गंभीर अनियमितताओं के आरोप सामने आए।
चार दिन पहले SSP विजिलेंस भी सस्पेंड : इससे पहले, चार दिन पहले ही अमृतसर के एसएसपी विजिलेंस लखबीर सिंह और उनके रीडर संजीव कुमार को भी सस्पेंड कर दिया गया था। यह मामला भी करीब 55 करोड़ रुपये के विकास कार्य से जुड़ा बताया गया था। लखबीर सिंह को अप्रैल 2025 में एसएसपी विजिलेंस नियुक्त किया गया था और वे वही अधिकारी थे जिन्होंने 25 जून 2025 को बिक्रम मजीठिया की गिरफ्तारी का नेतृत्व किया था। लगातार हो रही इन कार्रवाइयों से प्रशासनिक हलकों में हलचल मची हुई है। एक के बाद एक बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई से यह संकेत मिल रहा है कि सरकार भ्रष्टाचार के मामलों में सख्त रुख अपनाए हुए है, हालांकि विपक्ष इसे चयनात्मक कार्रवाई भी बता रहा है।
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