
भोपाल: भोपाल एयरपोर्ट (Bhopal Airport) पर अब दुश्मन देश के विमान भी निगाहों से नहीं बच सकेंगे. एयरपोर्ट अथॉरिटी अत्याधुनिक मोनोपल्स सेकंडरी सर्विलांस रडार सिस्टम (MSSR) स्थापित करने जा रही है. इस रडार की मदद से 60 हजार फीट तक की ऊंचाई पर उड़ रहे विमान भी स्कैन किए जा सकेंगे. इससे नियमित और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की निगरानी आसान होगी और कोई भी विमान रडार की नजर से नहीं छूट पाएगा.
आमतौर पर विमान 30 से 40 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ते हैं, जबकि अंतरराष्ट्रीय उड़ानें 50 से 60 हजार फीट तक पहुंच जाती हैं. अधिक ऊंचाई के कारण एयर ट्रैफिक कंट्रोल रूम से उनका संपर्क मुश्किल होता है. नए रडार से उच्च ऊंचाई पर उड़ रहे विमान भी तुरंत ट्रैक किए जा सकेंगे. अगर कोई दुश्मन देश का विमान पास आएगा, तो रडार संकेत देगा कि कौन सा विमान किस दिशा में जा रहा है.
मोनोपल्स सेकंडरी सर्विलांस रडार स्थापित करने के लिए एटीसी के पास नया भवन तैयार किया गया है. रडार नार्वे से आयात कर भोपाल लाया जा चुका है. जल्द ही इसकी स्थापना की जाएगी और दिसंबर तक इसका ट्रायल पूरा होगा. नववर्ष तक रडार पूरी तरह सक्रिय हो जाएगा. इस रडार से आपात स्थिति में विमान चालक दल को दिशा-निर्देश देना और डेटा नागपुर तथा दिल्ली मुख्यालय तक भेजना आसान होगा.
एयरपोर्ट डायरेक्टर रामजी अवस्थी ने बताया कि रडार की मदद से विमान की स्थिति, स्पीड और ऊंचाई का पता तुरंत चल सकेगा. नया सिस्टम अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित है. अब हर विमान रडार के दायरे में होगा और हवाई यातायात प्रबंधन आसान और सुरक्षित होगा. भोपाल की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए यह कदम काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
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