
भोपाल: भोपाल (Bhopal) से बीजेपी सांसद आलोक शर्मा (Alok Sharma, BJP MP) अपने बयानों को लेकर आए दिन चर्चा में बने रहते हैं. एक बार उन्होंने अपने बयान से राजनीतिक बवाल खड़ा कर दिया है. उनके बयान के बाद प्रदेश में सियासी पारा हाई हो गया है. उन्होंने इस बार भोपाल के इतिहास पर सवाल खड़े किए हैं. आलोक शर्मा ने कहा कि भोपाल मुसलमानों का नहीं, इसका एक गौरवशाली इतिहास रहा है. सांसद के इस बयान पर पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने पलटवार किया है.
सांसद आलोक शर्मा ने कहा कि भोपाल का 1000 साल का गौरवशाली इतिहास रहा है. ये भोपाल मुसलमानों का भोपाल नहीं. यह सम्राट अशोक का भोपाल है, परमार वंश के राजा भोज का भोपाल है और रानी कमलापति का भोपाल है. आलोक शर्मा का बयान सामने आने पर मुस्लिम समुदाय ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है.
वहीं सांसद आलोक शर्मा के बयान के बाद राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है. उनके इस बयान पर मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने पलटवार करते हुए कहा कि आलोक शर्मा की बुद्धि पर तरस आता है. ये सांसद हैं या बयानबाज नेता. आपके पाप जितने होने थे हो गए, अब बदलाव का वक्त है.
इतिहासकारों की मानें तो भोपाल की स्थापना 1500 साल पहले गोंड शासकों ने की थी. इसके बाद परमांर वंश के राजा भोज से इसका नाम जुड़ा. 14वीं सदी तक यह गोंड साम्राज्य का हिस्सा था. वहीं 17वीं शताब्दी में रानी कमलापति के शासनकाल के दौरान दोस्त मोहम्मद खान ने भोपाल पर कब्जा कर लिया. उसने यहां इस्लामी शासन स्थापित किया जो 1949 तक नवाबों के अधीन रहा.
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