
भोपाल । अभी तक आपने जो आलू (Potato) देखा होगा वह सामान्यतः सफेद रंग का होता है. लेकिन खजूरी कला गांव निवासी एक किसान (Farmer) ने ऐसे आलू का पैदावार किया है, जो नीले रंग (blue colour) का है, जिसे नीलकंठ आलू (Neelkanth Potato) के नाम से जानते हैं. इस आलू में ऑक्सीडेंट (oxidant) नामक तत्व पाया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है.
दरअसल अवधपूरी खजूरी कला गांव निवासी किसान मिश्रीलाल राजपूत अपने खेत में हमेशा नए- नए प्रयोग करते रहते हैं. इसके पहले किसान मिश्रीलाल मध्य प्रदेश के कृषि विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किए जा चुके हैं.
जानिए क्या है नीलकंठ आलू की विशेषता
सामान्य आलू में एंटी ऑक्सीडेंट की मात्रा 100 ग्राम में 15 मिलीग्राम होती है. जबकि नीलकंठ आलू में एंटी ऑक्सीडेंट की मात्रा 100 ग्राम में 100 मिलिग्राम होती है. जो सामान्य आलू से लगभग सात गुना ज्यादा है, इसलिए यह आलू मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है. इस आलू की सबसे बड़ी विशेषता है कि इसे वो लोग भी खा सकते हैं, जिनके स्वास्थ्य के लिए आलू नुकसानदायक होता है. इस आलू की एक और विशेषता है कि इसकी सब्जी बनाने में सामान्य आलू के मुकाबले आधा समय ही लगता है, जिससे गैस की भी बचत होती है और खाने में भी स्वादिष्ट लगता है.
सामान्य आलू से अधिक होती है पैदावार
नीलकंठ आलू की पैदावार में लागत सामान्य आलू के बराबर ही आती है. जबकि पैदावार उससे ज्यादा है. यदि मान लें कि सामान्य आलू की पैदावार 300 कुंटल होती है, तो नीलकंठ आलू की पैदावार लगभगा 400 कुंटल तक होगी. इस आलू के खेती करने में सबसे बड़ी फायदा यह है कि सामान्य आलू पर किसी भी रोग जैसे पानी गिरने से या किसी अन्य रोग से ग्रसित होने पर पैदावार में कमी हो जाती है, जबकि नीलकंठ आलू के पैदावार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है.
आपको बता दें कि भारतीय अनुसंधान संस्थान द्वारा पहले खदान फल और सब्जियों की उत्पादन बढ़ाने के लिए अनुसंधान हो रहे थे. जबकि अब ऐसे फसलों पर अनुसंधान किया जा रहा है जो मनुष्य के स्वास्थ्य को लेकर लाभदायक हो. इसके पहले भी आपने देखा होगा कि लाल भिंडी, काले गेहूं जैसी वैरायटी जो आ रही है वह मानव जीवन के स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक है.
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