
वॉशिंगटन: ताइवान पर चीन के दावों को लेकर वॉशिंगटन और बीजिंग के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है. इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) के बीच गुरुवार को बातचीत होगी. एक अमेरिकी अधिकारी के अनुसार, ताइवान पर चीन के दावों के बाद वॉशिंगटन और बीजिंग के बीच चार महीने में उनकी पहली बातचीत होगी.
दोनों नेताओं के बीच नियोजित वार्ता हफ्तों से चल रही है. कांग्रेस के शीर्ष डेमोक्रेट और राष्ट्रपति पद के उत्तराधिकारी के रूप में दूसरे स्थान पर रहने वाली हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी की ताइवान की यात्रा की संभावना ने जटिल संबंधों में नए सिरे से तनाव पैदा कर दिया है.
अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच इस बातचीत में ताइवान समेत कई मुद्दों पर चर्चा हो सकती है. दोनों नेता उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम, रूस-यूक्रेन युद्ध, बीजिंग और वॉशिंगटन के बीच मतभेद पर चर्चा कर सकते हैं. इसके साथ ही ईरान परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने के लिए भी बातचीत संभव है.
इसके अलावा बाइडन प्रशासन के प्रयास और अमेरिकी प्रशासन द्वारा लगाए गए सख्त टैरिफ की समीक्षा की स्थिति पर चर्चा हो सकती है. व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवक्ता जान किर्बी ने मंगलवार को कहा कि इस संबंध में तनाव के मुद्दे हैं, लेकिन ऐसे मुद्दे भी हैं जहां हम मानते हैं कि सहयोग न केवल संभव है, बल्कि अनिवार्य है. उदाहरण के लिए जलवायु परिवर्तन जो हमें बहुत प्रभावित करता है.
बीजिंग ने दी है पेलोसी के दौरे को लेकर चेतावनी
बीजिंग चेतावनी दे रहा है कि अगर पेलोसी ताइवान का दौरा करती हैं तो वह उचित कदम उठायेगा. हालांकि, पेलोसी ने ताइवान की यात्रा की योजना की पुष्टि नहीं की है, लेकिन बाइडन ने पिछले हफ्ते संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि अमेरिकी सेना का मानना है कि योजना के मुताबिक पेलोसी के लिए ताइवान की यात्रा करना अच्छा विचार नहीं है. व्हाइट हाउस के प्रेस पूल के हवाले से बाइडेन ने बुधवार को कहा, ‘सेना को लगता है कि यह अभी अच्छा विचार नहीं है’.
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